Bihar Crime:बिहार की बेटी पाकिस्तानी हनीट्रैप से बची, पुलिस की सक्रियता से टला बड़ा हादसा

Bihar Crime: बिहार के नवादा ज़िले में एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया, जब एक पाकिस्तानी युवक के हनीट्रैप में फंसी एक छात्रा को पुलिस ने अपनी सक्रियता से बचा लिया।

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बिहार की बेटी पाकिस्तानी हनीट्रैप से बची- फोटो : social Media

Bihar Crime: बिहार के नवादा ज़िले में एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया, जब एक पाकिस्तानी युवक के हनीट्रैप में फंसी एक छात्रा को नवादा पुलिस ने अपनी सक्रियता से बचा लिया। यह घटना एक बार फिर सोशल मीडिया के खतरों और साइबर सुरक्षा के महत्व को उजागर करती है।

जानकारी के मुताबिक, नवादा की रहने वाली यह छात्रा इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव थी। इसी दौरान वह पाकिस्तान के एक युवक के संपर्क में आई। युवक ने उसे प्यार के जाल में फंसाया और शादी का झांसा देकर पाकिस्तान बुलाने की साजिश रची। इस खतरनाक मंसूबे को अंजाम देने के लिए, एक पंजाब की लड़की ने उस छात्रा के यूपीआई अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए और दिल्ली के लिए ट्रेन टिकट भी बुक कर दिया। छात्रा को गया से महाबोधि एक्सप्रेस पकड़कर दिल्ली जाना था और वहां से पंजाब होते हुए पाकिस्तान में दाखिल होना था।

छात्रा पहले 3 सितंबर को घर से निकली, लेकिन रात में वापस लौट आई। उसने अपने परिवार को भरोसा दिलाया कि वह अब ऐसा नहीं करेगी, और अपना मोबाइल फोन वापस ले लिया। लेकिन, 5 सितंबर को सुबह-सुबह वह बुर्का पहनकर फिर से घर से भाग गई और गया से दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ ली।

जैसे ही छात्रा के पिता ने दोबारा थाने में शिकायत दर्ज कराई, पकरीबरावां पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस ने छात्रा के मोबाइल लोकेशन को ट्रैक किया और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) से मदद मांगी। आरपीएफ की महिला पुलिस टीम ने फुर्ती दिखाते हुए बुर्का पहने हुए छात्रा को ट्रेन में ढूंढ निकाला। जब पुलिस ने उसे पकड़ा, तो वह पाकिस्तानी युवक से फोन पर बात कर रही थी। पुलिस का नाम सुनते ही दूसरी तरफ से युवक ने फोन काट दिया और इंस्टाग्राम पर छात्रा को ब्लॉक कर दिया। आरपीएफ ने छात्रा को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया, जिससे उसकी ज़िंदगी बर्बाद होने से बच गई।

यह घटना उन सभी अभिभावकों के लिए एक सबक है, जिनके बच्चे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। साइबर अपराधी और हनीट्रैपर मासूम युवाओं को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखनी चाहिए और उन्हें सोशल मीडिया के खतरों के बारे में जागरूक करना चाहिए।