Paras Hospital Murder: जानिए दारोगा के सीरियल किलर बेटे शेरू सिंह की क्राइम कुंडली! यार से की गद्दारी और अपने भाई को भी नहीं बख्शा!

Chandan Mishra Murder Case: चंदन मिश्रा की हत्या की साजिश रचने वाले कभी यार रहे शेरू सिंह के पिता दारोगा थे वही चाचा दारोगा है,पुलिस के अनुसार यह सीरियल किलर है इसने वर्ष 2011 में महज 6 माह में 8 लोगों की हत्या कर कोहराम मचा दिया.

Paras Hospital Murder: जानिए दारोगा के सीरियल किलर बेटे शेरू

N4N डेस्क। भोजपुर जिले के तत्कालीन एसपी बिहार कैडर के 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी एम आर नायक का फोन अचानक 19–20 अप्रैल 2012 की दरमियानी रात बज उठता है.जय हिंद की आवाज के साथ उनके मातहत एक अधिकारी बताते है सर कुख्यात शेरूआ को धर लिया गया है. कोईलवर के कुल्हड़िया इलाके में किसी को निपटाने यानी एक और अपराध की योजना बनाने पहुंचने की सूचना पर पुलिस ने शेरू को धर दबोचा. यह एक बड़ी सफलता थी.भोजपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा शेरू सिंह विगत पांच सालों से अपराध जगत में सक्रिय था. इस दौरान उसने बक्सर एवं भोजपुर जिले में कई प्रमुख हत्याओं को अंजाम देकर अपराध जगत में अपनी पहचान एक सिरियल किलर के रूप में बना ली थी. 

इस उपलब्धि को साझा करते हुए तत्कालीन भोजपुर पुलिस अधीक्षक एम.आर नायक ने संवाददाता सम्मेलन बताया कि भोजपुर एवं बक्सर जिले में शेरू के विरुद्ध कुल 17 आपराधिक मामले मिले. अकेले बक्सर जिले में ही 15 कांड दर्ज है.  पुलिस अधीक्षक ने खुलासा करते हुए बताया कि 11 अप्रैल को आरा नवादा थाना क्षेत्र अन्तर्गत ब्लाक रोड के ठीक सामने स्थित गली में कोचिंग संचालक हरि नारायण सिंह की हत्या करने के पहले उसने बक्सर में कई सिरियल हत्याओं को अंजाम दिया. 


सिरियल किलर की  क्राइम कुंडली


सबसे पहले शेरू सिंह ने अपने ही गांव दुल्लहपुर, सिमरी में 6 सितम्बर 2009 को अनिल कुमार सिंह की हत्या कर दी थी. 

10 मार्च वर्ष 2011 को बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में पूर्व मुखिया मो. नौशाद को मार डाला था। 

11 अप्रैल को आरा नवादा थाना क्षेत्र अन्तर्गत ब्लाक रोड के ठीक सामने स्थित गली में कोचिंग संचालक हरि नारायण सिंह की हत्या 

इसके बाद 20 अप्रैल वर्ष 2011 बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में भरत राय की हत्या कर दी गई थी। 

4 मई वर्ष 2011 को बक्सर टाउन थाना क्षेत्र में जेल के एक क्लर्क हैदर अली को मार डाला था। 

26 जुलाई वर्ष 2011 को ही बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में शिवजी खरवार को मौत की नींद सुला दिया गया था। 

31 जुलाई वर्ष 2011 को बक्सर टाउन थाना इलाके में ही मो.निजामुद्दीन की हत्या कर दी गई थी।

इसके बाद 21 अगस्त 2011 वर्ष को भोजपुर के चुना व्यवसायी राजेन्द्र केसरी को बक्सर टाउन थाना इलाके में ही मौत की नींद सुला दिया गया था। 


कौन है  शेरू सिंह?

वर्त्तमान में वेस्ट बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद शेरू का असली नाम ओंकार नाथ सिंह है.पिता का नाम कृष्ण सिंह है. पिता झारखण्ड पुलिस से बतौर दारोगा रिटायर्ड हुए है. इस का एक सगा भाई है जिसका नाम प्रणव कुमार सिंह उर्फ बबुआ सिंह है.वही इसके चाचा दीनबंधू सिंह बिहार पुलिस में बतौर दारोगा कार्यरत है. पिता और चाचा के पुलिस में होने की वजह से शेरू गाव ज़वार में दबंगई दिखने लगा था. बकौल ग्रामीणों के स्कूल में पढाई के दौरान ही शेरू मारपीट में आगे रहता था. समय के साथ ही इसकी दबंगई और संगती का दायरा बढ़ता गया और फिर कथित तौर पर इश्कबाजी में इसने अपने गाँव में ही 6 सितम्बर 2009 को अनिल कुमार सिंह की हत्या कर दी. यही से इसके आपराधिक जीवन का आरम्भ हुआ. फिर इसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. यह कितना सनकी और सिरफिरा है इसक अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते है की इसने वर्ष 2011 में महज 6 माह के अन्दर 8 लोगों की हत्या कर कोहराम मचा दिया. हद तो ये की भागलपुर जेल में रहते इस कुख्यात पर अपने मौसेरे भाई फाइटर सिंह जिससे पूर्व से विवाद चल रहा था के भाई हप्पू पर दिन दहाड़े हमले का संगीन आरोप लगा. इस कांड में शेरू का सगा भाई, चाचा और चहेरे भाई को नामज़द किया गया. तदुपरांत पुलिसकर्मी  चाचा दीनबंधु सिंह और चचेरे भाई प्रभाकर सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया.