Bihar crime: पटना में अपराधियों का खूनी तांडव! थाने के ठीक पीछे मुखिया प्रतिनिधि को मारी गोली, इलाके में हड़कंप
Bihar crime: पटना पुलिस की साख इस वक्त खतरे में है, और आरोप लग रहे हैं कि पुलिस न केवल लापरवाह है, बल्कि अपराधियों को खुली छूट दे रखी है।

Patna: बिहार की राजधानी पटना और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्र अब अपराधियों के लिए 'पनाहगाह' बन चुके हैं। दिन हो या रात, अपराधी बेखौफ होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने से नहीं चूक रहे हैं। उनका मनोबल इस कदर बढ़ा हुआ है कि आम हो या खास, कोई भी सुरक्षित नहीं है। पटना पुलिस की साख इस वक्त खतरे में है, और आरोप लग रहे हैं कि पुलिस न केवल लापरवाह है, बल्कि अपराधियों को खुली छूट दे रखी है।
पुलिस की लापरवाही का खौफनाक नतीजा!
एक ताजा और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सैदाबाद-जनपारा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अंजनी कुमार सिंह अपनी जान के खतरे को लेकर लगातार पुलिस से गुहार लगा रहे थे। उन्होंने कई बार लिखित आवेदन देकर अपराधियों से जान का खतरा होने की बात कही, लेकिन पटना पुलिस ने इन चेतावनियों को लगातार नजरअंदाज किया। पुलिस ने ऐसा व्यवहार किया जैसे कान में तेल डालकर सोई हो।
थाने के पीछे, सैकड़ों लोगों के सामने फायरिंग!
और आखिरकार, वही हुआ जिसका डर था। बीती रात, पालीगंज अनुमंडल के रानीतलाब थाना परिसर से ठीक पीछे सटे खेल मैदान में नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा था। इस टूर्नामेंट के मुख्य अतिथि और आयोजक मुखिया प्रतिनिधि अंजनी कुमार सिंह सैकड़ों दर्शकों के साथ मैच का आनंद ले रहे थे। तभी अचानक दो मोटरसाइकिल पर सवार चार अपराधी आए और अंजनी सिंह को सीधे निशाना बनाते हुए अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
मुखिया प्रतिनिधि को चार गोलियां, दो दर्शक भी घायल!
अपराधियों की अंधाधुंध गोलीबारी में मुखिया प्रतिनिधि अंजनी कुमार सिंह को निशाना बनाया गया, उन्हें पैर में चार गोलियां लगी हैं। इतना ही नहीं, गोलीबारी की चपेट में आकर दो दर्शक, जिनकी पहचान कनपा के राजा कुमार और धर्मेंद्र कुमार के रूप में हुई है, भी घायल हो गए। तीनों घायलों को इलाज के लिए पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है।घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी हथियार लहराते हुए मोटरसाइकिल से फरार हो गए। इस गोलीबारी की घटना से लोगों में भारी आक्रोश है और वे अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
थाना प्रभारी के नेतृत्व में जांच जारी, पर सवाल बरकरार
इस घटना की सूचना मिलते ही, महज कुछ कदम की दूरी पर स्थित रानीतलाब थाने की पुलिस, थाना प्रभारी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में दलबल के साथ मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई।
घायल के भाई का आरोप: 'पुलिस ने नहीं सुनी हमारी गुहार!'
घायल मुखिया प्रतिनिधि अंजनी कुमार सिंह के भाई पवन कुमार ने बताया कि डेढ़ साल से अपराधी अंजनी सिंह के पीछे पड़े थे और उनकी हत्या की फिराक में थे। कई बार धमकी दी गई और रेकी भी की गई। उन्होंने खुलासा किया कि उनके परिवार ने कई बार पुलिस को लिखित रूप से आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। पवन कुमार ने आरोप लगाया कि उनका पूरा परिवार अपराधियों के निशाने पर था, जिसका परिणाम यह हुआ कि उनके भाई पर जानलेवा हमला हुआ और उन्हें गोली मार दी गई।
पटना पुलिस की नाक के नीचे वारदातें, साख दांव पर
अपराधियों का यह दुस्साहस और बढ़ा हुआ मनोबल इसका जीता-जागता उदाहरण है कि रानीतलाब थाना क्षेत्र में महज दो दिनों के भीतर दो बड़ी घटनाएं घटित हो चुकी हैं। एक अपहरण की घटना और अब मुखिया प्रतिनिधि पर जानलेवा हमला। सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये दोनों घटनाएं थाने से महज कुछ ही गज की दूरी पर घटित हुई हैं – एक थाने के ठीक सामने और दूसरी थाने के ठीक पीछे। यह सीधे-सीधे पटना पुलिस को अपराधियों द्वारा दी जा रही चुनौती है, जिस पर निपटना पटना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। पटना पुलिस की साख इस वक्त दांव पर लगी।
रिपोर्ट- अमलेश कुमार