Chandan Mishra murder case: चंदन मिश्रा हत्याकांड के मुख्य शूटर तौसीफ बादशाह की यह शक्ल आप पहचान नहीं पाएंगे, देखिए तो जरा

सीसीटीवी फुटेज में बसे आगे खड़ा शूटर था – ‘तौसीफ रज़ा उर्फ बादशाह’। उस वक़्त उसके लंबे बाल और घनी दाढ़ी ने उसे पहचानने में कोई मुश्किल नहीं छोड़ी।बाद में उसने अपना हुलिया पूरी तरह बदल लिया

Chandan Mishra murder case
तौसीफ बादशाह की यह शक्ल आप पहचान नहीं पाएंगे...- फोटो : reporter

Chandan Mishra murder case:  पटना की सरज़मीं पर 17 जुलाई को हुए इस ‘कत्ल-ए-आम’ ने कानून-ए-नफ़ाज पर सवाल उठा दिए हैं। शहर के सबसे महंगे अस्पतालों में शुमार पारस  में इलाजरत सजायाफ्ता अपराधी चंदन मिश्रा को दिन-दहाड़े गोलियों से भून दिया गया। जिस वक़्त ये ‘खून-ए-ख़ास’ हुआ, अस्पताल का प्राइवेट वार्ड मानो किसी गैंगवार की जंगगाह बन चुका था।

सीसीटीवी फुटेज में पाँच शूटरों के ग्रुप ने कमर से असलहा निकाला और वार्ड में घुसते ही चंदन मिश्रा को चारों ओर से घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। सबसे आगे खड़ा शूटर था – ‘तौसीफ रज़ा उर्फ बादशाह’। उस वक़्त उसके लंबे बाल और घनी दाढ़ी ने उसे पहचानने में कोई मुश्किल नहीं छोड़ी। लेकिन, गिरफ़्तारी से बचने के लिए उसने कोलकाता की पनाह ली और वहाँ जाकर अपना हुलिया पूरी तरह बदल लिया बाल छोटे, दाढ़ी गायब। मगर पुलिस की ‘नज़र-ए-शिकार’ से कहां कोई बच पाया है!देखिए तो जरा

तकनीकी विश्लेषण, लोकेशन ट्रेसिंग और सटीक मुखबिरी के आधार पर पटना पुलिस और कोलकाता STF की साझा कार्रवाई में तौसीफ समेत चारों शूटरों को दबोच लिया गया। ट्रांजिट रिमांड पर सभी को पटना लाया गया, मेडिकल टेस्ट के बाद कोर्ट में पेश किया गया और फिर से तौसीफ को 72 घंटे की पुलिस रिमांड पर सौंपा गया।

पुलिस की पूछताछ में कई अहम सुराग सामने आ रहे हैं — जैसे कि हत्या की सुपारी किसने दी, रक़म कितनी थी, किसने क्या भूमिका निभाई, हथियार कहां से आए और किसने छुपाया। सूत्र बताते हैं कि इस 'ख़ूनी प्लान' की साज़िश निशु खान के घर पर रची गई थी।

शेरू से तौसीफ की जेल में दोस्ती, बाहर आने पर दुश्मनों का हिसाब-किताब और फिर चंदन मिश्रा का क्लीन सफाया — सब कुछ सुनियोजित था। इस गैंगवार में फिलहाल कई चेहरे पर्दे में हैं, लेकिन पुलिस की पकड़ अब तेज़ होती दिख रही है।

पटना पुलिस की पूछताछ जारी है, और आने वाले दिनों में यह मामला और भी बड़े नेटवर्क की परतें खोल सकता है। अस्पताल में गोलियों की गूंज से हिला पटना अब इंतज़ार कर रहा है इंसाफ़ की आवाज़ का।

कुलदीप भारद्वाज की रिपोर्ट