Chandan Mishra murder: न गोली चलाई, न गोली खाई… फिर भी हत्याकांड का सबसे खतरनाक किरदार! चंदन मिश्रा केस का वो शूटर जो परदे के पीछे था सबसे बड़ा खिलाड़ी

Chandan Mishra murder: राजधानी पटना का बहुचर्चित चंदन मिश्रा हत्याकांड अब नई परतें उधेड़ रहा है। सीसीटीवी फुटेज में पांच हमलावर दिखाई दिए, लेकिन जांच ने छठे चेहरे की मौजूदगी को उजागर किया वो अपराधी जो गोली चलाने के बजाय रेकी करता रहा...

Chandan Mishra murder
चंदन मिश्रा हत्याकांड के गैंगवार की कहानी का 'साइलेंट शूटर- फोटो : reporter

Chandan Mishra murder: राजधानी पटना का बहुचर्चित चंदन मिश्रा हत्याकांड अब नई परतें उधेड़ रहा है। बक्सर का यह कुख्यात अपराधी जब 17 जुलाई 2025 की सुबह पटना के पारस अस्पताल में इलाजरत था, तभी वहां पांच हथियारबंद शूटरों ने कमरा नंबर 209 में धावा बोलकर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं और उसे मौत की नींद सुला दिया। चारों ओर खून, चीख-पुकार और सनसनी... पुलिस-प्रशासन हिल गया। लेकिन अब जो खुलासे हुए हैं, वो इस पूरी वारदात को एक संगठित और पूर्व-नियोजित अपराध की मिसाल बनाते हैं।

सीसीटीवी फुटेज में पांच हमलावर दिखाई दिए, लेकिन जांच ने छठे चेहरे की मौजूदगी को उजागर किया वो अपराधी जो गोली चलाने के बजाय रेकी करता रहा, मास्क और हेलमेट पहनकर अस्पताल के बाहर खड़ा रहा, और वारदात के बाद तौसीफ समेत दो शूटरों को बाइक पर लेकर फरार हो गया। अब उसकी पहचान भी सामने आ चुकी है, और इसी "साइलेंट शूटर" ने पूरी प्लानिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस बीच मंगलवार की सुबह भोजपुर जिले के बिहिया इलाके में पुलिस और एसटीएफ की टीम की बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। फायरिंग में दो अपराधी बलवंत कुमार सिंह और रविरंजन सिंह घायल हुए, जबकि तीसरे बदमाश अभिषेक कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। इन तीनों के पास से दो पिस्टल, एक देसी कट्टा, दो मैगजीन और चार जिंदा कारतूस बरामद हुए।

पूछताछ के बाद अभिषेक की निशानदेही पर पुलिस ने उस ब्लू अपाचे बाइक को बरामद कर लिया, जो चंदन मिश्रा की हत्या के बाद अपराधियों के भागने में इस्तेमाल हुई थी। यह बाइक दानापुर के कैंट एरिया से बरामद की गई है। बता दें कि अपराधियों ने दो ब्लू अपाचे बाइकों का इस्तेमाल किया था, जिसमें से एक की बरामदगी हो चुकी है, जबकि दूसरी की तलाश जारी है।

इस हत्याकांड में पुलिस को लगातार बड़ी कामयाबी मिल रही है। अब न सिर्फ गोली चलाने वालों की पहचान हो चुकी है, बल्कि पीछे से डोर खींचने वाले 'साइलेंट शूटर' और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाले मास्टरमाइंड्स भी बेनकाब हो रहे हैं।

इस केस ने एक बार फिर बिहार में संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क की मौजूदगी को साबित कर दिया है जहां हथियार, पैसा, और प्लानिंग तीनों मिलते हैं, वहां खून बहाना सिर्फ एक "ऑपरेशन" बन जाता है। पटना पुलिस और एसटीएफ अब हर एंगल से इस खूनी खेल की स्क्रिप्ट को उलटने में जुटी है।अब बस इंतज़ार है उस आखिरी कड़ी का, जो इस खूनी सफर की शुरूआत से लेकर अंत तक की पटकथा लिख चुका है।

कुलदीप भारद्वाज की रिपोर्ट