Gopal Khemka Murder Case: मार्च में सिम, अप्रैल में साजिश, जुलाई में कत्ल , अशोक ने बताया खेमका की हत्या के साजिश का खेल, जो जमीन देखता था वहीं मरता था...
Gopal Khemka Murder Case:गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस हत्याकांड के परदे के पीछे के किरदारों और मंशाओं से सनसनीखेज़ पर्दा उठ रहा है।

Gopal Khemka Murder Case:गोपाल खेमका हत्याकांड अब सिर्फ़ एक मर्डर केस नहीं, बल्कि सोची-समझी साज़िश, सुपारी, और बेरहमी से अंजाम दी गई वारदात की पूरी स्क्रिप्ट बन चुकी है। जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस हत्याकांड के परदे के पीछे के किरदारों और मंशाओं से सनसनीखेज़ पर्दा उठ रहा है।
लोहा कारोबारी अशोक साव ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि जमीन के सौदे में बार-बार दखल देने वाले गोपाल खेमका उसकी राह का कांटा बन चुके थे। “हर बार जब मैं कोई ज़मीन ख़रीदने जाता, खेमका आ टपकते। रेट बिगाड़ देते, और डील हथिया लेते। मेरी साख मिट्टी में मिल रही थी।” यह बयान ही हत्याकांड की बुनियाद बन गया।
मार्च में ही अशोक ने साज़िश का ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया। दो सिम कार्ड और मोबाइल लिए एक खुद के पास, दूसरा सुपारी किलर उमेश के पास। अप्रैल में जेपी गंगा पथ पर मुलाक़ात हुई और मौत का सौदा तय हुआ “गोपाल को रास्ते से हटाना है।”
पहले किसी शूटर से बात करने की बात हुई, लेकिन जब रेट ज़्यादा निकला, तब उमेश खुद ही बोला – “काम मैं कर दूंगा, चार लाख में।” एडवांस में 50 हज़ार लिए – उसी से बच्चों की फ़ीस भरी, और कत्ल की तैयारी शुरू कर दी।
9 एमएम की पिस्टल, दो जिंदा कारतूस, और दियारा में फायरिंग की प्रैक्टिस... उमेश ने पांच दिन तक खेमका की हर हरकत की रेकी की। 4 जुलाई की रात, जैसे ही खेमका बांकीपुर क्लब से कटास्का निवास पहुंचे, पार्किंग में घात लगाकर बैठे उमेश ने उन्हें गोली मार दी।
हत्या के बाद उमेश सीधा मालसलामी स्थित अपने घर भाग गया, रास्ते में बाइक का नंबर बदल कर पुलिस को चकमा देने की कोशिश की। अगले दिन अशोक ने उसे बाकी 3.50 लाख रुपये, नया मोबाइल और सिम सौंपा – लेकिन क़ानून की नज़र से बच न सके।
पुलिस ने उमेश के घर से मर्डर वेपन, कारतूस, कैश और मोबाइल बरामद कर लिया है।अब पुलिस कोर्ट की इजाज़त से खेमका के मोबाइल और गैजेट्स की फॉरेंसिक जांच करने जा रही है, ताकि और भी राज़ खोले जा सकें।
बहरहाल एक जमीन के सौदे ने एक ज़िंदगी छीन ली लालच, साजिश और सुपारी के इस तिहरे खेल ने पटना को हिला कर रख दिया है।अब देखना ये है कि क़ानून की कसौटी पर और कितने चेहरे बेनक़ाब होते हैं।