Cyber Fraud: साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका अपनाया है जिसे ‘कॉल मर्जिंग’ या ‘कॉल कॉन्फ्रेंसिंग’ कहा जाता है। इस विधि का उपयोग करके वे लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। साइबर ठग पहले किसी व्यक्ति को अनजान नंबर से फोन करते हैं। वे खुद को किसी परिचित या रिश्तेदार के रूप में पेश करते हैं, जिससे पीड़ित को विश्वास हो जाए कि वह सही व्यक्ति से बात कर रहा है।
कॉल करने वाला व्यक्ति पीड़ित से कहता है कि उनके बैंक से ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) सत्यापन के लिए एक इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स (IVR) कॉल आ रही है। इसके बाद, वह पीड़ित को यह बताता है कि वह उस कॉल को मर्ज करना चाहता है ताकि वह उसे सही तरीके से समझा सके। जब पीड़ित उस अनजान नंबर की कॉल को मर्ज करता है, तो ठग उस कॉल पर मौजूद होते हैं और ओटीपी सुन लेते हैं। इसके बाद, ठग आसानी से पीड़ित के खाते से पैसे निकाल सकते हैं।
NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। यदि कोई अनजान नंबर आपको फोन करे और कहे कि वह आपके किसी जानने वाले का परिचित है, तो आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए और ऐसी कॉल्स का जवाब नहीं देना चाहिए।
यदि आप इस प्रकार की ठगी का शिकार होते हैं या आपको संदेह होता है, तो तुरंत अपने फोन को डिस्कनेक्ट करें और इसकी सूचना साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें या साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।