Chandan Mishra murder case: कड़ी से कड़ी जुड़ रही है, चंदन मिश्रा केस में नया सुराग, सगुना से खुला सुराग, ‘कातिलों’की अपाची बाइक बरामद

कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा हत्याकांड में पुलिस को एक और महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा है। वारदात में इस्तेमाल की गई अपाची बाइक को दानापुर के केंद्रीय विद्यालय के पास से लावारिस हालत में बरामद किया गया है।..

Chandan Mishra murder case
चंदन मिश्रा हत्याकांड में सगुना से खुला सुराग- फोटो : social Media

Chandan Mishra murder case: 17 जुलाई को निजी अस्पताल में हुए कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा हत्याकांड में पुलिस को एक और महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा है। वारदात में इस्तेमाल की गई अपाची बाइक को दानापुर के केंद्रीय विद्यालय के पास से लावारिस हालत में बरामद किया गया है।

जानकारी के मुताबिक़, पुलिस को पुख्ता सूचना मिली थी कि हत्याकांड के दिन अभियुक्त इसी बाइक पर सवार होकर अस्पताल पहुंचे थे, जहां चंदन मिश्रा का इलाज चल रहा था। हत्या के बाद यही बाइक फरार होने का ज़रिया भी बनी।

जांच को आगे बढ़ाते हुए, भोजपुर पुलिस अभिषेक नामक आरोपी को लेकर दानापुर सगुना पुलिस चौकी पहुंची। बरामद अपाची की पहचान खुद अभिषेक से कराई गई, जो वारदात से जोड़ने के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। पहचान के बाद पुलिस ने बाइक को ज़ब्त कर फॉरेंसिक जांच और तकनीकी विश्लेषण के लिए भेज दिया है।

चंदन मिश्रा, एक कुख्यात अपराधी, पैरोल पर जेल से बाहर आया था और इलाज के लिए पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती था।17 जुलाई को पांच हथियारबंद अपराधी अस्पताल के अंदर घुसे और उसे गोली मारकर हत्या कर दी।वारदात के बाद अपराधी सीसीटीवी फुटेज में भागते नजर आए, जिससे पुलिस को उनके मूवमेंट का सुराग मिला।हत्या के पीछे सुनियोजित सुपारी किलिंग और जेल के भीतर की रंजिश को कारण माना जा रहा है।

पुलिस सूत्रों की मानें तो बरामद बाइक के जरिए अपराधियों के रूट, संपर्क और लोकेशन को ट्रैक करने में मोबाइल डेटा और CCTV लिंकिंग से मदद मिलेगी। साथ ही बाइक पर फिंगरप्रिंट और डीएनए जांच से कातिलों की पहचान और पुख्ता होगी।

अब पुलिस की नजर उन ठिकानों पर है जहां से बाइक लाई गई थी और जहां से अपराधियों ने अपनी साजिश को अंजाम तक पहुंचाया।सवाल ये है कि  क्या अपाची बाइक से खुलेगा ‘सुपारी नेटवर्क’ का राज़? या ये सुराग भी बन जाएगा एक और अधूरा अध्याय?

फिलहाल, पटना पुलिस को मिली इस बरामदगी को केस ब्रेकथ्रू माना जा रहा है। लेकिन जब तक कातिल सलाखों के पीछे नहीं पहुंचते, तब तक शहर की सांसें थमी रहेंगी।

रिपोर्ट- कुलदीप भारद्वाज