Bihar news:पटना में कुख्यात नुनू सिंह का खेल खत्म, हथियार के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार, साथी अंधेरे में फरार
Bihar news: पटना पुलिस की बड़ी कामयाबी, पटना के ग्रामीण इलाकों में खौफ का दूसरा नाम बन चुके कुख्यात अपराधी राकेश उर्फ नुनू सिंह को आखिरकार पुलिस ने जोरदार कार्रवाई में धर दबोचा।

Bihar News: पटना पुलिस की बड़ी कामयाबी! पटना के ग्रामीण इलाकों में खौफ का दूसरा नाम बन चुके कुख्यात अपराधी राकेश उर्फ नुनू सिंह को आखिरकार पुलिस ने रविवार रात एक जोरदार कार्रवाई में धर दबोचा। पालीगंज अनुमंडल के बिक्रम थाना क्षेत्र में मोरियावा गांव के हनुमान मंदिर के पास नुनू सिंह किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की तैयारी में हथियार के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया। उसके पास से एक लोडेड देसी कट्टा और पांच जिंदा कारतूस बरामद हुए। हालांकि, उसके कुछ साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार होने में सफल रहे। इस गिरफ्तारी को पटना पुलिस की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि नुनू सिंह पिछले 15 सालों से फरार था और उसके खिलाफ कई थानों में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पालीगंज के डीएसपी-2 उमेश्वर चौधरी ने बताया कि रविवार रात बिक्रम थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि मोरियावा गांव के हनुमान मंदिर के पास कुछ अपराधी किसी बड़े कांड की योजना बना रहे हैं। इस सूचना पर पुलिस ने तुरंत छापेमारी की। पुलिस को देखते ही अपराधी रात के अंधेरे में भागने लगे, लेकिन जवानों ने पीछा कर नुनू सिंह उर्फ राजेश सिंह को धर दबोचा। तलाशी के दौरान उसके पास से एक लोडेड देसी कट्टा और चार जिंदा कारतूस बरामद हुए, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया। बिक्रम थाना क्षेत्र के मोरियावा गांव का रहने वाला नुनू सिंह 2005 से 2020 तक कई गंभीर आपराधिक मामलों में वांछित था।
पुलिस के लिए क्यों बना था 'सिरदर्द'?
नुनू सिंह खासकर पटना के पश्चिमी ग्रामीण इलाकों में आतंक का पर्याय बन चुका था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, अपहरण और अवैध हथियार रखने जैसे दर्जनों मामले बिक्रम और अन्य थानों में दर्ज हैं। वर्षों से फरार चल रहा नुनू सिंह पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था। डीएसपी उमेश्वर चौधरी ने माना कि उसकी गिरफ्तारी से पुलिस को बड़ी राहत मिली है और अब क्षेत्र में शांति स्थापित होने की उम्मीद है। पुलिस के अनुसार, नुनू सिंह और उसके साथी किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे, जिसे समय रहते नाकाम कर दिया गया।
फरार साथी, पुलिस की नाकामी या सवाल?
हालांकि, इस ऑपरेशन में नुनू सिंह के कुछ साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। पुलिस ने उनकी तलाश में छापेमारी तेज कर दी है, लेकिन यह सवाल उठ रहा है कि इतने बड़े अपराधी के साथ मौजूद अन्य संदिग्धों को पकड़ने में पुलिस क्यों नाकाम रही? स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में अपराधियों की सक्रियता और पुलिस की ढिलाई लंबे समय से चिंता का विषय रही है।
पटना पुलिस के लिए 'मील का पत्थर'!
नुनू सिंह की गिरफ्तारी को पटना पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर। डीएसपी चौधरी ने कहा कि इस कार्रवाई से अपराधियों में खौफ पैदा होगा और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था मजबूत होगी। पुलिस अब नुनू सिंह से पूछताछ कर उसके आपराधिक नेटवर्क और फरार साथियों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है।
रिपोर्ट- अमलेश कुमार