Patna Sex Racket: पटना में सेक्स रैकेट का पर्दाफ़ाश, होटल में बिछा था धंधे का बिछौना, दो नाबालिग समेत 6 महिलाएं रेस्क्यू , ऐसे हुआ खुलासा
Patna Sex Racket: राजधानी के बीचोंबीच इलाके में जिस्मफरोशी के संगठित नेटवर्क का पर्दाफ़ाश हुआ है।...

Patna Sex Racket: राजधानी के बीचोंबीच, चिरैयाटांड़ पुल के पास स्थित कृष्णा होटल में जिस्मफरोशी के संगठित नेटवर्क का पर्दाफ़ाश हुआ है। कंकड़बाग थाना पुलिस ने महिला मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की, जहां से 6 महिलाओं का रेस्क्यू किया गया, जिनमें 2 नाबालिग भी शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, यह होटल पिछले 6 महीनों से लीज पर लेकर चलाया जा रहा था और इसमें बाहरी राज्यों से लड़कियों को बहला-फुसलाकर लाया जाता था। फिर उन्हें रुपयों के लालच और मजबूरी में देह व्यापार में झोंक दिया जाता था। छापेमारी के दौरान दो पुरुष और छह महिलाएं मौके से पकड़ी गईं। पूछताछ में स्पष्ट हुआ कि यह पूरी तरह संगठित सेक्स रैकेट है।
ASP अभिनव ने कहा कि "हमें करबिगहिया इलाके के होटलों में देह व्यापार की सूचना मिली थी। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कार्रवाई की गई। दो नाबालिगों समेत सभी महिलाएं देह व्यापार के धंधे में पाई गईं। एजेंट और होटल मैनेजर की मिलीभगत से ये नेटवर्क चल रहा था।"
जांच के बाद पुलिस ने POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) और सेक्सुअल ट्रैफिकिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। दो होटल मैनेजर — चंदन कुमार (24) और पंकज कुमार (31) को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि होटल मालिक, तीसरा मैनेजर और मुख्य एजेंट फरार हैं। ASP ने दावा किया है कि जल्द ही इनकी गिरफ्तारी भी हो जाएगी।
कृष्णा होटल लंबे समय से शक के घेरे में था। पहले भी शिकायतें मिली थीं, लेकिन सबूत न होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। इस बार सटीक जानकारी और ठोस सबूतों के साथ छापेमारी की गई और पूरे गिरोह की पोल खुल गई। होटल को सील करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जिन लड़कियों को रेस्क्यू किया गया, उन्होंने बताया कि उन्हें दो महीने पहले बहला-फुसलाकर इस होटल में लाया गया और लगातार धंधे के लिए मजबूर किया गया। यह मामला महज देह व्यापार नहीं, बल्कि बाल तस्करी और यौन शोषण का भी गंभीर केस है।
बिहार पुलिस की इस कार्रवाई ने पटना के अंदर पलते ‘ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क’ की भयावह सच्चाई को उजागर किया है। अब सवाल यह है कि ऐसे रैकेटों को पालने वाले 'सिस्टम के दलालों' को कब तक संरक्षण मिलता रहेगा? और क्या हर होटल अब शक के घेरे में आएगा?