Patna News: पटना में फिर खून से लाल हुई सड़कें, उद्यमी गोपाल खेमका का कत्ल, बेटे की हत्या के 7 साल बाद अब बाप को भी माफियाओं ने मारा

Patna News:पटना की फिजा में अब अमन की नहीं, बारूद की बू घुल गई है। कभी बिजनेस का मक्का कहे जाने वाले इस शहर में अब गोलियों की गूंज आम होती जा रही है।...

Patna News: पटना में फिर खून से लाल हुई सड़कें, उद्यमी गोपाल
बेटे की हत्या के 7 साल बाद अब बाप को भी माफियाओं ने मारा- फोटो : reporter

Patna News:पटना की फिजा में अब अमन की नहीं, बारूद की बू घुल गई है। कभी बिजनेस का मक्का कहे जाने वाले इस शहर में अब गोलियों की गूंज आम होती जा रही है। गोपाल खेमका—बिहार के नामचीन उद्योगपति, भाजपा से जुड़े रहे नेता, और एक टूटे हुए पिता अब सिर्फ एक हत्या के आंकड़े बनकर रह गए।

शुक्रवार की रात जब वो पटना क्लब से लौटे, उन्हें क्या मालूम था कि दरवाजे के ठीक सामने मौत उनका इंतजार कर रही थी। गांधी मैदान के पास स्थित उनके अपार्टमेंट के गेट पर जैसे ही कार रुकी, कातिलों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। न शोर, न चिल्लाहट... कुछ ही सेकेंड में सब खामोश।

ये कोई पहली बार नहीं है जब खेमका परिवार को टारगेट किया गया हो। दिसंबर 2018 में गोपाल खेमका के जवान बेटे गुंजन खेमका की भी इसी अंदाज में हत्या की गई थी। हाजीपुर के पासवान चौक पर उनकी कार को रोका गया और दिन-दहाड़े 12 गोलियां दागी गईं। गुंजन की जान चली गई, ड्राइवर भी घायल हुआ। पहले 2016 में भी उन पर हमला हुआ था, तब बच गए थे, लेकिन 2018 में किस्मत ने साथ छोड़ दिया।

बेटे की हत्या के बाद गोपाल खेमका अंदर से टूट चुके थे। उन्होंने मगध हॉस्पिटल जैसा प्रतिष्ठित संस्थान बेच दिया, और सियासत से भी किनारा कर लिया। कभी भाजपा के लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रहे खेमका, बेटे के कत्ल के बाद पार्टी से भी दूरी बना ली थी।

अब साढ़े छह साल बाद, जब वो धीरे-धीरे जिंदगी की तरफ लौटने लगे थे—अपराधियों ने उन्हें भी मौत की नींद सुला दिया। पुलिस सिर्फ एसएसपी बदलने और प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सीमित है। लेकिन सच्चाई ये है कि राजधानी की सड़कों पर अब किसी का डर नहीं, सिर्फ गोलियों का राज है।

बहरहाल सवाल ये नहीं कि खेमका को मारा क्यों गया... सवाल ये है कि पटना में अब बचा कौन है, जो अगला निशाना नहीं बन सकता?