Bihar train accident: मौत बस एक कदम दूर थी, देवदूत की तरह पहुंचे आरपीएफ दारोगा, भागलपुर में महिला की खींचकर बचाई जान
Bihar train accident: कहते हैं जाको राखे साइयां, मार सके न कोय... और यही कहावत हकीकत बनकर सामने आई जब RPF के ASI संजीव कुमार झा ने एक महिला यात्री को मौत के मुंह से बाहर खींच लिया।
Bihar train accident: कहते हैं जाको राखे साइयां, मार सके न कोय... और यही कहावत हकीकत बनकर सामने आई जब RPF के ASI संजीव कुमार झा ने एक महिला यात्री को मौत के मुंह से बाहर खींच लिया।भागलपुर रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को वह मंजर देखने को मिला, जिसने एक बार फिर साबित कर दिया कि वर्दी सिर्फ़ कानून-व्यवस्था की नहीं, बल्कि जनसेवा और जांबाज़ी की पहचान है।
शाम 4 बजकर 35 मिनट, ट्रेन संख्या 13410 किउल–मालदा इंटरसिटी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म से धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। इसी दौरान 33 वर्षीय सोनी देवी ने जल्दबाज़ी में चलती ट्रेन पर चढ़ने की कोशिश की। एक चूक… और उनका पैर फिसल गया। देखते ही देखते वह ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच की खतरनाक खाई में गिरने लगीं। ज़िंदगी और मौत के बीच सिर्फ़ कुछ इंच का फासला था।
लेकिन ठीक उसी पल, जैसे किसी फ़िल्मी दृश्य में हीरो दौड़ पड़ता है, वैसे ही वर्दी में सजे असली हीरो मैदान में उतर आए। ASI संजीव कुमार झा बिजली की तेजी से भागते हुए पहुंचे और बिना अपनी जान की परवाह किए महिला को पकड़कर ऊपर खींच लिया। CCTV फुटेज में साफ़ दिखता है कि सिर्फ़ एक सेकंड की देरी होती, तो सोनी देवी ट्रेन के पहियों के नीचे आ सकती थीं।
घटना के बाद महिला और उनके पति मनीष कुमार ने हाथ जोड़कर RPF जवान का शुक्रिया अदा किया। आसपास मौजूद यात्रियों ने भी संजीव झा की बहादुरी पर तालियां बजाईं। यह सिर्फ़ किसी एक यात्री की जान बचाने की कहानी नहीं, बल्कि यह बताने वाला संदेश है कि सुरक्षा बलों के जवान हर पल खतरे से लड़ते हैं ताकि हम सुरक्षित रहें।
न्यूज4नेशन की अपील करता है कि चलती ट्रेन में चढ़ना-उतरना सिर्फ़ जल्दबाज़ी नहीं, बल्कि आत्मघाती कदम है। आपका एक गलत फैसला आपकी ज़िंदगी पर भारी पड़ सकता है। नियमों का पालन करें, सुरक्षित रहें—और ऐसे जांबाज़ जवानों को बेवजह जोखिम में न डालें।
वाकई, ASI संजीव कुमार झा जैसे अधिकारी हमारे असली देवदूत हैं।सलाम है उनकी तत्परता, साहस और कर्तव्यनिष्ठा को।
रिपोर्ट - अंजनी कुमार कश्यप