विजिलेंस के एक्शन से घूसखोर अफसरों में हड़कंप, कृषि पदाधिकारी घूस लेते धराया, 50 लाख के खेल में लिपिक भी गिरफ्त में

Bihar Vigilance Action: विजिलेंस की टीम ने एक ऐसी कार्रवाई की, जिसने सरकारी सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार का काला चेहरा फिर से बेनकाब कर दिया।

Samastipur Vigilance Crackdown Agriculture Officer
विजिलेंस के एक्शन से घूसखोर अफसरों में हड़कंप- फोटो : reporter

Bihar Vigilance Action: विजिलेंस की टीम ने एक ऐसी कार्रवाई की, जिसने सरकारी सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार का काला चेहरा फिर से बेनकाब कर दिया।समस्तीपुर में मंगलवार को  दलसिंहसराय में तैनात अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। यही नहीं, उनके साथ इस पूरे उगाही खेल में शामिल उनके लिपिक ललन कुमार को भी विजिलेंस ने दबोच लिया। दोनों अधिकारी जिस बेखौफी से रिश्वत वसूल रहे थे, उससे साफ था कि यह रैकेट लंबे समय से चल रहा था।

निगरानी विभाग के अनुसार मामला बाजार समिति के सब्जी मंडी में हुए अवैध निर्माण से जुड़ा है। बसढ़िया वार्ड नंबर 10 के निवासी प्रमोद कुमार सिंह ने विजिलेंस में लिखित शिकायत दायर की थी कि सब्जी बाजार की लगभग 36 दुकानों के निर्माण पर कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार ने मनमानी शुरू कर दी थी। चूंकि यह निर्माण प्रशासनिक अनुमति के बिना किया गया था, इसलिए राकेश कुमार ने दुकानदारों को धमकी देकर प्रति दुकान 80 हजार रुपये की भारी-भरकम घूस की डिमांड की। कुल मिलाकर यह वसूली लगभग 50 लाख रुपये बैठती थी।

प्रमोद के अनुसार अवैध निर्माण के नाम पर हम लोगों को डराया-धमकाया जा रहा था। भुगतान न करने पर कार्रवाई की धमकी भी दी जा रही थी।  इसी शिकायत के बाद विजिलेंस ने दलसिंहसराय में जाल बिछाया और मंगलवार को दोनों अधिकारियों को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया। बाकी राशि की वसूली आगे होनी थी, लेकिन ऑपरेशन से पहले ही पूरा खेल धराशायी हो गया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद दोनों को पटना विजिलेंस कार्यालय ले जाकर उनकी प्रारंभिक पूछताछ शुरू कर दी गई है।

इस कार्रवाई का असर बाजार समिति के दुकानदारों पर साफ़ दिखाई दिया। कई लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ करारा तमाचा मान रहे हैं, जबकि कुछ लोग प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहे हैं। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय प्रशासन की छवि को बुरी तरह प्रभावित किया है।

बता दें कि दलसिंहसराय में सब्जी दुकानों के अवैध निर्माण और उससे जुड़ी रिश्वतखोरी के मामले वर्षों से चर्चा में रहे हैं। शिकायतकर्ता प्रमोद सिंह ने साफ़ कहा कि सरकार को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दुबारा कोई गरीब दुकानदार को लूटने की हिम्मत न करे।इधर दूसरी बड़ी कार्रवाई किशनगंज में सामने आई, जहां विजिलेंस ने एक राजस्व कर्मचारी को 2 लाख 50 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया। वह जमीन परिमार्जन के नाम पर मोटी रकम की डिमांड कर रहा था।

अंकड़ों की बात करें तो 2025 में भ्रष्टाचार मामलों में अब तक 19 लोगों को सजा सुनाई जा चुकी है, जो पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक है। इससे पहले 2016 में 17, 2017 में 14 और 2024 में 18 दोषी पाए गए थे। विजिलेंस की इन लगातार हो रही कार्रवाईयों से साफ़ है कि बिहार में भ्रष्टाचार पर शिकंजा अब पहले से कहीं ज्यादा कसा जा रहा है।

रिपोर्ट- कुलदीप भारद्वाज