PATNA - केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर को 'हाई रिस्क खाद्य पदार्थ श्रेणी' में शामिल किया है। यह घोषणा केंद्र सरकार द्वारा पैकेज्ड और मिनरल वाटर उद्योग के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणन प्राप्त करने की अनिवार्य शर्त को हटाने के बाद की गई है। जिसके बाद अब पैकेज्ड वाटर का बिजनेस करनेवाली कंपनियों का अनिवार्य निरीक्षण और थर्ड पार्टी ऑडिट करने का रास्ता साफ हो गया है। ये निरीक्षण कंपनी को लाइसेंस या पंजीकृत करने से पहले किए जाएंगे।
बताते चलें कि पैकेज्ड पानी और मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियों को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) लाइसेंस के साथ-साथ भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का सर्टिफिकेट भी लेना जरूरी होता है जिसको लेकर पैकेज्ड पेयजल उद्योग ने इससे पहले सरकार से नियमों के सरलीकरण की मांग की थी। बीआईएस और एफएसएसएआई दोनों से दोहरे प्रमाणन की आवश्यकताओं को हटाने का अनुरोध किया था।
लेकिन अब जो फैसला लिया गया है, वह पैकेज्ड वाटर बनानेवाली कंपनियों के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि अब उनका नियमित निरीक्षण किया जाएगा। जानकारों का मानना है कि नये नियमों से अनुपालन प्रक्रिया को सुचारू बनाने तथा निर्माताओं पर बोझ कम करने में मदद मिल सकती है।
बताते चलें कि पैकेज्ड पानी की यूनिट में पानी को फिल्टर करके साफ किया जाता है और फिर इसमें जरूरी खनिज मिलाए जाते हैं. दूषित पानी से कई महामारियां फैलती हैं, इसलिए पैकेज्ड पानी की यूनिट को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनका पानी पीने के लिए सुरक्षित है.