चेहरे की पहचान आवश्यक सार्वजनिक व सरकारी कार्यक्रमों में हिजाब/घूँघट पर स्पष्ट दिशा-निर्देश की माँग

भारत के जागरूक नागरिकों, आशीष रंजन सिंह निराला और अमल कुमार आनंद ने महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को एक औपचारिक ज्ञापन भेजकर सार्वजनिक एवं सरकारी कार्यक्रमों में चेहरे की पहचान (Face Recognition) अनिवार्य करने की माँग की है।

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चेहरे की पहचान आवश्यक सार्वजनिक व सरकारी कार्यक्रमों में हिजाब/घूँघट पर स्पष्ट दिशा-निर्देश की माँग - फोटो : REPORTER

भारत के जागरूक नागरिकों, आशीष रंजन सिंह निराला और अमल कुमार आनंद ने महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को एक औपचारिक ज्ञापन भेजकर सार्वजनिक एवं सरकारी कार्यक्रमों में चेहरे की पहचान (Face Recognition) अनिवार्य करने की माँग की है। उनका प्रस्ताव है कि ऐसे आयोजनों में, जहाँ सुरक्षा और सत्यापन महत्वपूर्ण हो, हिजाब या घूँघट के माध्यम से चेहरे को पूरी तरह ढककर उपस्थित होने पर स्पष्ट प्रतिबंध लगाया जाए। यह माँग मुख्य रूप से उन प्रक्रियाओं के लिए है जहाँ प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक होता है।

सुरक्षा सत्यापन में आने वाली व्यावहारिक चुनौतियाँ

ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि शपथ-ग्रहण समारोह, आधिकारिक बैठकों, पुरस्कार वितरण और अन्य प्रशासनिक आयोजनों में व्यक्तियों की स्पष्ट पहचान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। नागरिकों का तर्क है कि चेहरा पूरी तरह ढका होने के कारण सुरक्षा जाँच और पहचान सुनिश्चित करने में व्यावहारिक कठिनाइयाँ आती हैं, जिससे सरकारी व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। उन्होंने आग्रह किया है कि संविधान की भावना और समान नागरिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ऐसे नियम बनाए जाएँ जहाँ पहचान सत्यापन के समय चेहरा स्पष्ट दिखाई देना अनिवार्य हो।

समान नियम और प्रशासनिक पारदर्शिता का लक्ष्य

ज्ञापन देने वाले नागरिकों ने यह स्पष्ट किया है कि यह माँग किसी धर्म, समुदाय या परंपरा के विरुद्ध नहीं है, बल्कि पूरी तरह से राष्ट्रीय हित और प्रशासनिक स्पष्टता पर आधारित है। उनका सुझाव है कि यह नियम सभी नागरिकों पर समान रूप से और निष्पक्षता के साथ लागू होना चाहिए। नागरिकों को आशा है कि केंद्र सरकार इस विषय की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेगी, जिससे सार्वजनिक व्यवस्थाओं में प्रभावी प्रशासन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।