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Islamophobia: इस्लामोफोबिया के खिलाफ अमेरिका का बड़ा प्लान,जाते-जाते बाइडन ने जारी की राष्ट्रीय रणनीति, निपटने के लिए बनायी गयी ये खास योजना

राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा मई 2023 में पेश की गई थी और इसका उद्देश्य मुस्लिम और अरब समुदायों की सुरक्षा को बढ़ाना और उनके खिलाफ भेदभाव को कम करना है।64 पन्नों का यह दस्तावेज डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से कुछ सप्ताह पहले आया है।

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इस्लामोफोबिया के खिलाफ अमेरिका का बड़ा प्लान- फोटो : Social media

Islamophobia: अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय एवं आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस ने ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम से भय) से ग्रस्त है।अमेरिका के व्हाइट हाउस द्वारा जारी की गई इस्लामोफोबिया से निपटने की राष्ट्रीय रणनीति में 100 से अधिक कदम शामिल हैं, जिन्हें कार्यकारी शाखा के अधिकारी मुसलमानों और अरब अमेरिकियों के खिलाफ नफरत, हिंसा, पूर्वाग्रह और भेदभाव को रोकने के लिए उठा सकते हैं। यह योजना राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा मई 2023 में पेश की गई थी और इसका उद्देश्य मुस्लिम और अरब समुदायों की सुरक्षा को बढ़ाना और उनके खिलाफ भेदभाव को कम करना है।64 पन्नों का यह दस्तावेज डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से कुछ सप्ताह पहले आया है। बता दें, ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान कुछ मुस्लिम बहुल देशों के लोगों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे बाइडन ने अपने कार्यकाल के पहले दिन रद्द कर दिया था।

 मुसलमानों और अरबों के खिलाफ नफरत के बारे में जागरूकता फैलाना और इन समुदायों की सांस्कृतिक विरासत को पहचानना। मुसलमानों और अरब अमेरिकियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुधार करने के लिए रमनीति बनेगी।

मुस्लिम और अरब धार्मिक प्रथाओं को उचित रूप से समायोजित करके उनके खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए काम करना और नफरत का मुकाबला करने के लिए विभिन्न समुदायों के बीच एकजुटता को प्रोत्साहित करना शामिल है।

इस रणनीति में स्कूलों और विश्वविद्यालयों में इस्लामोफोबिया पर शिक्षा कार्यक्रम शुरू करना ताकि युवा पीढ़ी में जागरूकता बढ़े।मुस्लिम समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय पुलिस बलों के साथ सहयोग बढ़ाना शामिल है।

भेदभाव का सामना कर रहे व्यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान करना।मुस्लिम और अरब समुदायों को निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में शामिल करना ताकि उनकी आवाज़ सुनी जा सके। घृणा अपराधों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया को सरल बनाना ताकि ऐसे मामलों का सही तरीके से दस्तावेजीकरण हो सके।

बाइडन प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसी नीतियाँ जो पूरे समुदायों के खिलाफ भेदभाव का परिणाम देती हैं, गलत हैं और समाज की सुरक्षा में विफल होती हैं।

बता दें यह व्हाइट हाउस द्वारा पिछली साल सितंबर से जारी यहूदी-विरोधी भावना से लड़ने की व्यापक रणनीति को बता रहा है। छह साल के लड़के वाडिया अल-फयूम की हत्या के एक साल से अधिक समय बाद अमेरिका ने यह कदम उठाया  है, जिसे एक व्यक्ति ने चाकू मार दिया था। उसे और उसकी मां को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया था क्योंकि वे फलस्तीनी-अमेरिकी थे।


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