Haryana Election Result Analysis: हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम ने सभी एग्जिट पोल को धता बताते हुए भाजपा ने ने तीसरी बार सरकार बनाने का जनादेश प्राप्त किया. भाजपा को 48 सीट तो कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम ने तमाम राजनीतिक पंडितों के विश्लेषण और एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों को गलत साबित करते हुए भाजपा ने अप्रत्याशित रूप से हरियाणा विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है. जो माहौल कांग्रेस के पक्ष में नजर आ रहा था, वह वोटों में तब्दील नहीं हुआ. भाजपा का प्रदर्शन पिछले विधानसभा चुनाव से भी बेहतर रहा और वह अपने बूते सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है.
कथित तौर पर जाट बिरादरी की एकजुटता व उससे कुछ समुदायों में उपजा असुरक्षाबोध भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण करने में सहायक बना, जो एक साइलेंट वोटर की तरह इस राजनीतिक इबारत को गढ़ रहा था.दूसरी ओर इस विधानसभा चुनाव में उन दलित मतदाताओं का विश्वास कांग्रेस हासिल नहीं कर पायी, जिन्होंने उसे लोकसभा चुनाव में भरपूर वोट दिए थे.
लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी कर ली थी. भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने करीब-करीब दो पारियों में मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर को हटाकर उनकी जगह नायब सिंह सैनी की ताजपोशी कर दी थी. लगातार दो दशक तक सत्ता में रहने के चलते उपजे सत्ता विरोधी रुझान को टाला जा सके. सैनी की सहजता-सरलता और उनका ओबीसी वर्ग से होने का लाभ गैर जाट समुदायों की एकजुटता के रूप में भी मिला. टिकट बंटवारे में केंद्रीय नेतृत्व, हुड्डा गुट व शैलजा गुट की प्राथमिकताओं ने कई तरह की विसंगतियां पैदा की.