HMPV virus: चीन में हड़कंप मचाने के बाद HMPV वायरस अब भारत में भी दस्तक दे चुका है। कर्नाटक में इसके दो मामले मिले हैं. इसी बीच, महाराष्ट्र सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है। केरल में भी इस पर नजर रखी जा रही है। केंद्र सरकार ने डब्लूएचओ को पहले ही सूचित कर दिया है कि हमें समय-समय पर सभी अपडेट्स प्रदान करें। इन सभी घटनाक्रमों के बीच, सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि HMPV वास्तव में क्या है और इसके लक्षण क्या हैं?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ( HMPV) फेफड़ों पर प्रभाव डालता है, जिसके परिणामस्वरूप फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। यह वायरस विशेष रूप से ठंड के मौसम में अधिक हानिकारक हो सकता है। प्रभावित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से इस वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, गले में खराश, नाक का बहना या जाम होना शामिल हैं। कुछ मामलों में, सांस लेने में कठिनाई भी देखी जा सकती है।
IGIMS के वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रोहित उपाध्याय के अनुसार HMPV वायरस यह कम उम्र के बच्चों, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों और वृद्ध लोगों के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकता है। फेफड़ों की समस्याओं से ग्रसित लोगों के लिए भी यह खतरनाक साबित हो सकता है। इसके अलावा, एचएमपीवी से प्रभावित कुछ व्यक्तियों में न्यूमोनिया या ब्रोंकोलाइटिस जैसे गंभीर लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
IGIMS के वरिष्ठ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रोहित उपाध्याय के अनुसार HMPV वायरस फेफड़ों को प्रभावित करने वाले अन्य वायरस के समान है। अमेरिकी लंग एसोसिएशन ने एचएमवी को तीव्र श्वसन संक्रमण के रूप में वर्गीकृत किया है। विशेष रूप से बच्चों के लिए यह अत्यधिक खतरनाक है। इस वायरस की पहली पहचान 2001 में नीदरलैंड में शोधकर्ताओं द्वारा की गई थी।
डॉ रोहित के अनुसार HMPV वायरस विशेष रूप से बच्चों, वृद्ध व्यक्तियों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को जल्दी प्रभावित करता है। वर्तमान में इसके लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, और कुछ मामलों में इसके गंभीर लक्षण भी देखे गए हैं। HMPV वायरस, जिसे ह्यूमन मेटा न्यूमोवायरस के रूप में जाना जाता है, मुख्यतः चीन में फैल रहा है। यह एक प्रकार का सर्दी-जुकाम जैसा वायरस है, जिसमें खांसी, गले में खराश, जुकाम और हल्का बुखार शामिल हो सकते हैं। यह एक फ्लू की तरह है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचारित हो सकता है।
डॉ रोहित उपाध्याय ने बताया कि अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अनुसार, एचएमवी के सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। कुछ मामलों में, मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यकता भी हो सकती है।
IGIMS के वरिष्ठ चिकित्सक प्रोफेसर डॉ रोहित उपाध्याय के अनुसार HMPV वायरस कोरोना वायरस के समान फैलता है। यह श्वसन प्रणाली के माध्यम से संचरित हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति पहले से संक्रमित है, तो उसके संपर्क में आने वाला व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। यह हाथ मिलाने, संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुई गई वस्तुओं को छूने, और मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के माध्यम से भी फैल सकता है।
बता दें भारत में चीन का HMPV वायरस पहुंच चुका है। बेंगलुरु में इसका पहला मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक आठ महीने की बच्ची इस वायरस से संक्रमित पाई गई है। यह मामला बैपटिस्ट अस्पताल में दर्ज किया गया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में नमूनों का परीक्षण नहीं किया है। अस्पताल की प्रयोगशाला में की गई जांच में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में केंद्र सरकार को सूचित कर दिया है। वहीं चीन की स्वास्थ्य एजेंसियों ने सर्दियों में सांस संबंधी बीमारियों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक पायलट सर्विलांस प्रणाली की शुरुआत करने की घोषणा की है। चीन के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम के प्रमुख ली जेंगलॉन्ग ने बताया कि इस प्रणाली के माध्यम से अज्ञात कारणों से उत्पन्न निमोनिया के मामलों की निगरानी की जाएगी।