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Teacher News: देश भर के सरकारी और निजी स्कूल के शिक्षकों के लिए नया कानून, इस परीक्षा के पास किए बिना पढ़ाने पर लगी रोक...

Teacher News: हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि नई शिक्षक भर्तियों में भी CTET की अनिवार्यता लागू होगी। इस फैसले से देशभर में करीब 5 लाख शिक्षकों पर असर पड़ सकता है।

 Delhi High Court
Delhi High Court decision- फोटो : social media

Teacher News: देशभर के सरकारी और निजी स्कूलों में बिना किसी पात्रता परीक्षा के वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए अब केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) पास करना अनिवार्य होगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश में स्पष्ट किया कि CTET पास किए बिना कोई भी शिक्षक अपनी सेवा जारी नहीं रख पाएगा।

नई नियुक्तियों पर भी होगा असर

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि नई शिक्षक भर्तियों में भी CTET की अनिवार्यता लागू होगी। इस फैसले से देशभर में करीब 5 लाख शिक्षकों पर असर पड़ सकता है। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) को आदेश दिया कि चार सप्ताह के भीतर परीक्षा आयोजन की योजना तैयार की जाए।

बिना CTET पास शिक्षक नहीं कर सकेंगे काम 

इसके तहत NCTE को एक विस्तृत कार्ययोजना बनाकर हलफनामे के रूप में कोर्ट में पेश करना होगा। आठवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती और मौजूदा शिक्षकों की सेवा जारी रखने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे। इस फैसले के बाद अब बिना CTET पास किए शिक्षक आगे काम नहीं कर पाएंगे, जिससे शिक्षा प्रणाली में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित होगी।

अगली सुनवाई 14 मई को होगी 

हाईकोर्ट की बेंच ने स्पष्ट किया कि नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों की नियुक्ति और पहले से कार्यरत शिक्षकों की सेवाएं जारी रखने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को सख्त कदम उठाने होंगे। बेंच ने कहा कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 23(2) को लागू करना जनहित में है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 मई 2025 को होगी।

मान्यता प्राप्त संस्थानों से लेनी होगी डिग्री और डिप्लोमा

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि दशकों से पढ़ा रहे उन शिक्षकों को, जिन्होंने एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों से बीएड या शिक्षण से जुड़ी अन्य डिग्री व डिप्लोमा प्राप्त नहीं किया है, पुनः मान्यता प्राप्त संस्थानों से यह योग्यताएं हासिल करनी होंगी। इसके लिए शिक्षकों को निश्चित समय दिया जाएगा। साथ ही, डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्हें सीटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, तभी वे अपने विद्यालयों में सेवा जारी रख सकेंगे।

जनहित याचिका पर आया फैसला

यह आदेश गैर-सरकारी संगठन 'जस्टिस फॉर ऑल' द्वारा दायर जनहित याचिका के आधार पर दिया गया। याचिकाकर्ताओं, वकील खगेश बी. झा और वकील शिखा शर्मा बग्गा ने दलील दी कि एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के खंड 4 में संशोधन किया था, जिससे पहली से आठवीं तक के शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता में छूट दी जा रही थी, यदि उनकी नियुक्ति अधिसूचना से पहले हुई थी। याचिका में इस फैसले को छात्रों के भविष्य के लिए हानिकारक बताया गया। हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए आदेश दिया कि सभी शिक्षकों को सीटीईटी परीक्षा पास करनी होगी, तभी वे अपनी नौकरी बरकरार रख सकेंगे।

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