Jnanpith Award: कवि-उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल को मिला ज्ञानपीठ सम्मान, 50 वर्षों से हैं साहित्य की दुनिया के चमकते सितारे

इस वर्ष के ज्ञानपीठ सम्मान के लिए कवि-उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल के नाम की घोषणा की गई है. वे पिछले 50 साल से साहित्य की दुनिया में अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़े हुए हैं.

Vinod Kumar Shukla
Vinod Kumar Shukla- फोटो : news4nation

Jnanpith Award: हिन्दी के शीर्ष कवि-उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल को इस साल का ज्ञानपीठ सम्मान दिया जाएगा। शनिवार को दिल्ली में आज इसकी घोषणा की गई। 


छतीसगढ़ के राजनांदगांव में जन्में विनोद कुमार शुक्ल रायपुर के कृषि विश्वविद्यालय के आवासीय कॉलोनी में रहते हैं। वे पिछले 50 सालों से लिख रहे हैं। उनके उपन्यास नौकर की कमीज, खिलेगा तो देखेंगे, दीवार में एक खिडक़ी रहती थी, हिन्दी के श्रेष्ठ उपन्यासों में शुमार होते हैं। 


कहानी संग्रह पेड़ पर कमरा, और महाविद्यालय भी बहुचर्चित रहे हैं। उनका कविता संग्रह ‘लगभग जयहिन्द’ 1971 में प्रकाशित हुआ था। 

दुनिया भर की भाषाओं में उनकी किताबों के अनुवाद हो चुके हैं। 


श्री शुक्ल को कविता और उपन्यास लेखन के लिए गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप, रजा पुरस्कार, वीरसिंह देव पुरस्कार, सृजन भारतीय सम्मान, रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार, दयावती मोदी कवि शिखर सम्मान, भवानी प्रसाद मिश्र पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, और पं.सुंदरलाल शर्मा जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। 


हाल ही में उन्हें पेन अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय ख्याति के लिए नाबोकाओ ्अवाडर््स से सम्मानित किया। एशिया में इस सम्मान को पाने वाले वे पहले साहित्यकार हैं। विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यास नौकर की कमीज पर एक फिल्म भी बनी है। 


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