India Canada News: भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा के खिलाफ कनाडा की ट्रूडो सरकार द्वारा कुछ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह मामला तब चर्चा में आया जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में एक बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय एजेंसियों का एक संभावित संबंध था एक हत्या से जो कनाडा में हुई थी। इस बयान ने भारत और कनाडा के बीच तनाव को बढ़ा दिया है।
भारत ने अपने देश से कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत सरकार द्वारा उठाया गया है,कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा सहित कई भारतीय राजनयिकों और अधिकारियों के खिलाफ कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो झूठे आरोपों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाया है. भारत ने कनाडा में निशाना बनाए जा रहे अपने उच्चायुक्त सहित दूसरे राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला लिया है. भारत ने इसके साथ ही नई दिल्ली में तैनात कनाडा के एक्टिंग हाई कमिश्नर स्टीवर्ट रॉस व्हीलर और फर्स्ट सेक्रेटरी मैरी कैथरीन जोली सहित 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्काषित कर दिया है।विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत सरकार ने 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला किया है। उन्हें शनिवार, 19 अक्टूबर, 2024 को रात 11:59 बजे तक या उससे पहले भारत छोड़ना है।
कनाडा ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को 'रुचि के व्यक्तियों' के रूप में नामित करने के जवाब में भारत ने तगड़ा जवाब दिया है।
बता दें ट्रूडो सरकार ने आरोप लगाया कि भारतीय खुफिया एजेंसियों का हाथ उस हत्या में हो सकता है जो कनाडा में एक सिख कार्यकर्ता की हुई थी। कनाडा में सिख समुदाय की बड़ी संख्या है, और वहां की राजनीति में उनका महत्वपूर्ण स्थान है।इस कारण कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत पर लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
भारत ने इन आरोपों को सख्ती से नकारते हुए कहा कि ये बेबुनियाद हैं और किसी भी तरह से भारतीय सरकार या उसके अधिकारियों का कोई संबंध नहीं है। भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और किसी भी प्रकार के हिंसक कृत्यों का समर्थन नहीं करता।
यह कदम कूटनीतिक संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना सकता है। दोनों देशों के बीच संवाद में कमी आ सकती है। व्यापार और निवेश पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि दोनों देशों के व्यवसायी एक दूसरे पर निर्भर हैं। जिन भारतीय नागरिकों ने कनाडा में स्थायी निवास प्राप्त किया है, उन्हें भी इस स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।