One Nation One Election Bill: सरकार लोकसभा में वित्तीय अनुदान से संबंधित कार्यों को पूरा करने के बाद 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से जुड़े विधेयकों को प्रस्तुत करेगी। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। एक राष्ट्र एक चुनाव' के प्रस्ताव को मोदी मंत्रिमंडल ने पहले हीं मंजूरी देदी है।सरकार लोकसभा में वित्तीय अनुदान संबंधी कामकाज पूरा एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश होना था। लेकिन, सरकार ने 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' से संबंधित विधेयकों को लोकसभा में पेश करने की तारीख टाल दी है।करने के बाद ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से संबंधित विधेयकों को पेश करेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इससे पूर्व, दो विधेयक - संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ राज्यक्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक - सोमवार को लोकसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध थे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, सोमवार को सूचीबद्ध अनुदानों की पहली मांगों को सदन द्वारा पारित किए जाने के बाद ये विधेयक इस सप्ताह के अंत में पेश किए जा सकते हैं।एक राष्ट्र, एक चुनाव” की संकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। इस समिति ने 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। रिपोर्ट के आधार पर, प्रस्तावित विधेयक में इस प्रक्रिया को वर्ष 2034 से लागू करने की योजना बनाई गई है। इसका अर्थ है कि 2029 के लोकसभा चुनाव के बाद, राष्ट्रपति विधिक रूप से इस नीति को लागू करने की समय-सीमा तय करेंगे।
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी संशोधित कार्यसूची में सोमवार के एजेंडे में ये दोनों विधेयक शामिल नहीं हैं। हालांकि, सरकार लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से अंतिम समय में 'अनुपूरक कार्य सूची' के माध्यम से संसद में विधायी एजेंडा प्रस्तुत कर सकती है।
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने से संबंधित दो विधेयक प्रक्रियाधीन हैं।सरकार लोकसभा में वित्तीय अनुदान संबंधी कामकाज पूरा करने के बाद ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से संबंधित विधेयकों को पेश करेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी।