supreme court news - गलत ट्रेन में चढ़ने और उतरने के दौरान युवक की हुई मौत, सुप्रीम कोर्ट का आदेश - रेलवे का देना होगा मुआवजा

supreme court news - एक युवक के गलत ट्रेन में चढ़ने और जल्दबाजी में उतरने के दौरान मौत हो गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को लेकर बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने

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New Delhi - सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि कोई यात्री गलत ट्रेन में सवार हो गया और उस ट्रेन से उतरने के दौरान घायल होने और बाद में मौत होने पर मुआवजा देना होगा। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने श्रीकुमार एंव अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया। कोर्ट ने रेलवे को तीन माह के भीतर बतौर मुआवजा आठ लाख रुपये 9 प्रतिशत ब्याज की दर से मृतक के माता-पिता को  भुगतान करने का आदेश दिया। 

गौरतलब है कि 23 वर्षीय श्रवण कुमार गुप्ता उर्फ बेताल गुप्ता 29 मई, 2013 को सतना से मैहर जाने के लिए एक टिकट खरीदा। गोदान एक्सप्रेस में सतना में मैहर जाने के लिए चढ़ा। लेकिन इस ट्रेन का मैहर स्टेशन पर कोई स्टॉप नहीं था और वह मैहर स्टेशन पर उतरने के लिए चलती ट्रेन से उतर गया। रेल दुर्घटना में इसे चोट लगी।बाद में ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद पिता और माता ने रेलवे दावा न्यायाधिकरण में धारा 16जी के तहत अपना दावा याचिका दायर करके मुआवजे के लिए मांग की। रेलवे ने इस मामले में अपना विस्तृत जवाब दाखिल कर कहा कि मृतक की मृत्यु स्वयं की लापरवाही से हुई हैं।

रेलवे ने कानून की धारा 124ए खंड (ए) और (बी) के प्रावधानों का हवाला दे दावा याचिका का विरोध किया।लेकिन रेलवे दावा न्यायाधिकरण ने माना कि मृतक सतना से मैहर जाने के लिए एक टिकट खरीदा था और वह गलत ट्रेन में यात्रा कर रहा था। इसके बावजूद वह एक वास्तविक यात्री माना जायेगा।

रेलवे की दलील थी  कि मृतक मैहर में ट्रेन से कूद गया, क्योंकि उसने सतना से मैहर जाने के लिए एक टिकट खरीदा था। ट्रेन गोदान एक्सप्रेस का मैहर स्टेशन पर कोई स्टॉप नहीं था। मैहर स्टेशन पर उतरने के लिए, वह चलती ट्रेन से कूद गया। दावा न्यायाधिकरण ने कहा कि ऐसी स्थिति की कल्पना नहीं की जा सकती कि कोई भी समझदार व्यक्ति चलती ट्रेन, खासकर एक्सप्रेस ट्रेन से उतरने का प्रयास नहीं कर सकता। 

कोर्ट ने रेलवे के हर दलील को नामंजूर करते हुए तीन माह के भीतर मुआवजा राशि सूद सहित देने का आदेश दिया।