Operation Sindoor: कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका, 'ऑपरेशन सिंदूर' में नारी शक्ति का शौर्य....
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में महिला शक्ति का शौर्य देखने को मिला। दो महिला सैनिको ने पाकिस्तान पोषित आतंकियों पर किए गए ऑपरेशन की जानकारी दी। आइए जानते हैं ये दोनों महिला सिपाही कौन थी?

Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पोषित आतंकियों पर बड़ा हमला किया है। भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किया है। इस हमले में करीब 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर सामने आई है। भारतीय सेना ने इस कार्रवाई का नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' रखा है। इस ऑपरेशन में नारी शक्तियों ने भी अपना कमाल दिखाया। इस ऑपरेशन में दो महिला सैनिक कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका भी शामिल थी। आइए जानते हैं कर्नल सोफिया औकर विंग कमांडर व्योमिका कौन है।
'ऑपरेशन सिंदूर' में नारी शक्ति
बता दें कि, 'ऑपरेशन सिंदूर' की जानकारी बुधवार सुबह एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई। जिसमें दो महिला अधिकारियों भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने मोर्चा संभाला। दोनों अफसरों ने मिलकर आतंक के खिलाफ इस बड़े ऑपरेशन की जानकारी साझा की और पाकिस्तान में पनप रही आतंकी गतिविधियों की पोल खोली।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं। सोफिया लंबे समय से साहस और नेतृत्व की मिसाल रही हैं। उन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘फोर्स 18’ में भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रचा था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पाकिस्तान बीते तीन दशकों से आतंकी ढांचे का निर्माण कर रहा है, जो अब पीओके समेत उसके कई इलाकों में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों को न्याय दिलाना इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य था।
कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका
वहीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह एक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट हैं। व्योमिका सिंह अब तक 2,500 घंटे से अधिक की उड़ान भर चुकी हैं और जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक के जोखिम भरे इलाकों में सेवाएं दे चुकी हैं। नवंबर 2020 में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में एक जटिल रेस्क्यू मिशन का नेतृत्व किया था। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में लक्ष्यों का चयन बेहद सावधानी से किया गया ताकि किसी भी नागरिक या बुनियादी ढांचे को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कि, कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। नौ आतंकवादी शिविरों को सटीकता के साथ निशाना बनाया गया और पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।"