Chaitra Navratri 2025:अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती...नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की ऐसे करें आरती

Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करना अत्यंत शुभकारी माना जाता है।नौ दिन मां दुर्गा की आरती गाने से सभी प्रकार के दुखों का निवारण होता है।

Chaitra Navratri 2025
अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती- फोटो : social Media

Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा आराधना का विधान है। नवरात्रों के 9 दिन मां के 9 अलग-अलग स्वरुपों का विधान है। पूजा के बाद आरती करना महत्वपूर्ण बताया गया है


अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।


अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।


तेरे भक्त जनों पर माता भीर पड़ी है भारी।दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥

तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥

सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,दुष्टों को तू ही ललकारती।

...ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।


माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥

माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥

सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,दुखियों के दुखडे निवारती।

....ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।


नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥

सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,सतियों के सत को सवांरती।

...ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।


चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥

माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती।। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।


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