आज लगेगा खग्रास चंद्रग्रहण, रात 9:57 से होगा आरंभ ,9 घंटे पहले हीं सूतक लगेगा, इन राशियों पर पड़ेगा गहरा असर

Chandra Grahan 2025: आज भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा पर साल 2025 का अंतिम खग्रास चंद्रग्रहण लग रहा है। बिहार समेत पूरे भारत में इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। ...

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आज लगेगा खग्रास चंद्रग्रहण- फोटो : Meta

Chandra Grahan 2025: आज भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा पर साल 2025 का अंतिम खग्रास चंद्रग्रहण लग रहा है। बिहार समेत पूरे भारत में इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। यह ग्रहण शतभिषा नक्षत्र और कुंभ राशि में घटित होगा। ज्योतिषीय परंपराओं के अनुसार, इस राशि और नक्षत्र में जन्मे जातक इस चंद्रग्रहण का दर्शन न करें।

ग्रहण का समय और दृश्य

7 सितंबर की रात 09:57 बजे यह खगोलीय घटना प्रारंभ होगी और 8 सितंबर की सुबह 01:27 बजे समाप्त होगी। लगभग साढ़े तीन घंटे तक चंद्रमा रक्तिम आभा में लिपटा रहेगा। यह दृश्य मनमोहक तो होगा, परंतु उसके पीछे छिपे संकेत भयावह माने जा रहे हैं। भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों से यह ग्रहण पूर्ण रूप से दिखाई देगा।

ज्योतिषीय संकेत

यह चंद्रग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में घटित हो रहा है। राहु-चंद्रमा की युति और सूर्य-केतु का कन्या राशि में संयोग अशुभ योग का निर्माण कर रहा है। शास्त्रों में इसे प्राकृतिक आपदाओं और राजनीतिक अस्थिरता का प्रतीक बताया गया है। पर्वतीय इलाकों में भूकंप-भूस्खलन, समुद्री क्षेत्रों में तूफान और बादल फटने जैसी आशंकाएँ हैं। वहीं, भारत के सामने व्यापारिक दबाव और मध्य-पूर्व में संघर्ष की स्थिति और विकट हो सकती है।

खगोल विज्ञान की दृष्टि

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो सूर्य की सीधी किरणें चंद्रमा तक नहीं पहुँच पातीं। पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरने वाली लाल तरंगें चंद्रमा को रक्तिम आभा प्रदान करती हैं। इसी कारण इसे ब्लड मून भी कहा जाता है।

पितृ पक्ष और ग्रहण का दुर्लभ संयोग

7 सितंबर से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है। उसी दिन यह चंद्रग्रहण पड़ने से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि पितृ पक्ष में किया गया तर्पण, दान और श्राद्ध पूर्वजों को तुष्ट करता है। ग्रहण काल में साधना और जप-ध्यान का प्रभाव असाधारण रूप से बढ़ जाता है। यह अवसर पितरों का आशीर्वाद पाने का दुर्लभ क्षण होगा।

सूतक काल और वर्जनाएँ

चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले, यानी 7 सितंबर की दोपहर 12:57 बजे से सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान पूजा-पाठ, भोजन, मूर्तियों का स्पर्श वर्जित रहेगा। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। धारदार औजारों का प्रयोग और बाहर निकलना निषिद्ध है। तुलसी दल का स्पर्श भी इस काल में वर्जित माना गया है।

राशियों पर प्रभाव

ज्योतिषाचार्य हीरेश कुमार बताते हैं कि यह ग्रहण वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला और कुंभ राशि वालों के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण रहेगा—

वृषभ : स्वास्थ्य व आर्थिक संकट

मिथुन : संतान संबंधी तनाव

सिंह : दांपत्य जीवन में विवाद

तुला : खर्चों में वृद्धि, लाभ में विलंब

कुंभ : दुर्घटना या कार्यस्थल पर षड्यंत्र की आशंका

आध्यात्मिक दृष्टि

सनातन मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में किया गया जप, ध्यान और दान-पुण्य असाधारण फल देता है। यह चंद्रग्रहण केवल वैज्ञानिक घटना नहीं, बल्कि आस्था और अध्यात्म का अद्भुत संगम है। आज की रात जब पूरा आकाश रक्तिम आभा में नहाएगा, तब यह हमें भय और चेतावनी के साथ-साथ साधना और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर भी प्रदान करेगा।