Islamic New Year: हिजरी सन् 1447 की शुरुआत! मुहर्रम के साथ इस्लामी नए साल का स्वागत, खूबसूरत मैसेज से करें विश
Islamic New Year: हिजरी सन् 1447 की शुरुआत हो चुकी है। जानिए इस्लामी नए साल का महत्व, कब है यौम-ए-आशूरा और भेजिए दिल से मुबारकबाद के खूबसूरत संदेश।

Islamic New Year: हर मजहब और परंपरा का अपना कैलेंडर होता है, और इस्लाम में यह भूमिका निभाता है हिजरी कैलेंडर – जो चंद्रमा की गति पर आधारित है।इस्लामी नया साल मुहर्रम की पहली तारीख से शुरू होता है, और इस वर्ष यह 26 जून 2025 (हिजरी सन् 1447) से आरंभ हो चुका है।जैसे ही जिल-हिज्जा की अंतिम रात को नया चांद नज़र आता है, पुराना साल समाप्त माना जाता है और लोग नए साल की दुआओं, इबादत और मुबारकबाद के साथ एक नई शुरुआत करते हैं।
हिजरी कैलेंडर क्या है?
हिजरी कैलेंडर की शुरुआत इस्लामिक इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना से होती है, हिजरत, यानी पैगंबर हज़रत मुहम्मद ﷺ का मक्का से मदीना की ओर प्रवास। यह प्रवास इस्लामिक कैलेंडर का प्रथम वर्ष माना जाता है।यह चंद्र आधारित होता है, और हर वर्ष में लगभग 354 या 355 दिन होते हैं।हर साल का पहला महीना होता है मुहर्रम, जिसे इस्लाम में पवित्र महीनों में गिना जाता है।
यौम-ए-आशूरा कब है?
यौम-ए-आशूरा, यानी मुहर्रम की 10वीं तारीख, इस्लाम में एक महत्वपूर्ण दिन है जो इस बार 6 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा।यह दिन हजरत इमाम हुसैन रज़ि.अ. और उनके साथियों की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है।यह दिन मुसलमानों को सब्र, बलिदान और इंसाफ का पैग़ाम देता है।
इस्लामी नववर्ष की बधाई देने वाले खूबसूरत संदेश
आप अपने दोस्तों और परिवार वालों को इन इमोशनल और रूहानी संदेशों के जरिए इस्लामी नए साल की मुबारकबाद दे सकते हैं:
“नया साल लाए आपके जीवन में रौशनी, बरकत और अमन। हिजरी सन् 1447 मुबारक हो।”
“मुहर्रम का चांद आपके घर में रहमतें, दुआएं और खुशियां लेकर आए। नया इस्लामी साल मुबारक!”
“दुआ है कि इस हिजरी नए साल में आपका हर कदम नेक राह पर पड़े और अल्लाह की रहमतें आप पर बनी रहें।”
“इमाम हुसैन की कुर्बानी हमें सच्चाई, इंसाफ और सब्र की राह पर चलना सिखाती है। मुहर्रम और नया साल मुबारक!”