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नंदी के कान में क्यों कही जाती है मनोकामना? जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा

नंदी के कान में मनोकामना कहने की परंपरा से जुड़ी पौराणिक कथा और इसके धार्मिक महत्व को जानें। यह कैसे आपकी इच्छाओं को महादेव तक पहुंचाता है।

नंदी के कान में मनोकामना

महाशिवरात्रि का पर्व भारत में धूमधाम से मनाया गया, इस दिन शिवभक्त पूरे देश में भगवान शिव की पूजा की। पूजा के दौरान एक खास परंपरा देखी गई, जिसमें भक्त नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नंदी के कान में अपनी इच्छा व्यक्त करने का कारण क्या है? इसके पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा है, जिसे जानना आपके लिए दिलचस्प होगा।



1. नंदी के कान में मनोकामना कहने का धार्मिक महत्व

जब भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, तो नंदी जी की पूजा भी जरूरी मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा करने के बाद नंदी जी की पूजा का महत्व है। इसके बाद भक्त नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहने की परंपरा निभाते हैं। यह माना जाता है कि नंदी जी भगवान शिव के सबसे विश्वासपात्र सेवक हैं और वह जो कुछ भी सुनते हैं, वह शिव जी तक पहुंचाते हैं।



2. पौराणिक कथा: नंदी का वरदान

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने नंदी जी को एक खास वरदान दिया था। उन्होंने कहा था कि जो भी व्यक्ति नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोलेगा, उसकी हर इच्छा भगवान शिव तक पहुंचेगी और वह पूरी होगी। इस कथा के अनुसार, नंदी जी का कान एक माध्यम बन जाता है, जिसके जरिए भक्त अपनी इच्छाएं शिव जी तक पहुंचा सकते हैं।



3. नंदी जी और ऋषि का संवाद

एक अन्य कथा के अनुसार, एक ऋषि ने नंदी से पूछा था कि वह भगवान शिव के पास रहने के बावजूद उनकी मनोकामनाएं कैसे व्यक्त करते हैं। नंदी ने कहा कि वह भगवान शिव को अपनी इच्छाएं नहीं बता सकते, क्योंकि वह केवल शिव जी के पास रहते हैं और उनकी बातें सुनते हैं। तब ऋषि ने नंदी से कहा कि वह भगवान शिव तक अपनी मनोकामना पहुंचाने के लिए नंदी के कान में अपनी इच्छाएं कह सकते हैं। इसके बाद से यह परंपरा बन गई कि भक्त नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहते हैं।



4. नंदी के कान में मनोकामना कहने की विधि

नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहने से पहले भक्तों को नंदी जी की विधिवत पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान दीपक जलाना और भोग अर्पित करना अनिवार्य होता है। इसके बाद भक्त ओम शब्द का जाप करके अपनी मनोकामना नंदी के कान में कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, यदि भक्त बाएं कान में अपनी मनोकामना कहते हैं, तो वह जल्दी महादेव तक पहुंचती है और पूरी होती है।




5. निष्कर्ष

नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहना एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो भक्तों के विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक है। यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं भी भगवान शिव के प्रति भक्तों की आस्था को और मजबूत करती हैं। अगर आप भी अपनी मनोकामना शिव जी तक पहुंचाना चाहते हैं, तो नंदी के कान में अपनी बात अवश्य कहें और विश्वास रखें कि महादेव आपकी इच्छा पूरी करेंगे।

(यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें)

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