Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का आखिरी दिन आज, महानवमी पर सिद्धिदात्री की आराधना कर हवन करेंगे भक्त, जानिए कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त

Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का आज आखिरी दिन है। आज यानी महानवमी के दिन भक्त सिद्धिदात्री की आराधना करेंगे। जिसके बाद हवन और कन्या पूजन किया जाएगा। आइए देखते हैं कन्या पूजन करने का शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्र
महानवमी आज - फोटो : News4nation

Navratri 2025:  शारदीय नवरात्र का आज आखिरी दिन है। आज देशभर में भक्तगण महानवमी पर्व मना रहे हैं। आज माँ सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना हो रही है। दरअसल, आश्विन शुक्ल नवमी पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और रवियोग में भक्त मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करेंगे। नवरात्र का समापन हवन और कन्या पूजन के साथ होगा, जबकि विजयादशमी का पर्व कल गुरुवार को मनाया जाएगा।

महाष्टमी पर महागौरी की हुई थी पूजा

मंगलवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और शोभन योग में श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना की। घरों, मंदिरों और पंडालों में भक्तों ने निराहार या फलाहार रहकर मां जगदम्बा का श्रृंगार किया और कमल, अपराजिता सहित विभिन्न पुष्प व भोग अर्पित कर सिद्धि की कामना की।

महानवमी पर सिद्धिदात्री की आराधना

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सिद्धिदात्री की पूजा से साधक को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। लौकिक और पारलौकिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए उनकी साधना विशेष फलदायी मानी जाती है। आश्विन मास की महानवमी का पहला कन्या पूजन मुहूर्त आज सुबह 5 बजकर 01 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इसके बाद, दूसरा मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 09 मिनट से लेकर 2 बजकर 57 मिनट पर रहेगा।

कन्या पूजन का महत्व

महानवमी पर पाठ, मंत्र-जाप और हवन के उपरांत भक्त कुंवारी कन्याओं का पूजन कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। शास्त्रों के अनुसार, दो से दस वर्ष तक की कन्याएं मां दुर्गा के स्वरूप मानी जाती हैं। इनका पूजन करने से कोटि यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।

कल मनाई जाएगी विजयादशमी

गुरुवार को आश्विन शुक्ल दशमी पर उत्तराषाढ़ा और श्रवण नक्षत्र, सुकर्मा योग और रवियोग के संयोग में देवी की विदाई होगी। इस अवसर पर जयंती धारण कर श्रद्धालु विजयादशमी मनाएंगे। मान्यता है कि इससे मानसिक शांति, आरोग्यता, सुख-समृद्धि और पारिवारिक उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कल गुरुवार को मां दुर्गा की पालकी विदाई के साथ शारदीय नवरात्र का समापन होगा।