प्रधानाचार्य जुल्फेकार अली खान पर बिना सूचना के समय से पहले झंड़ा फहराने का आरोप, जलेबी की जगह बांटा गया खुरमा! स्वतंत्रता दिवस पर मचा बवाल, गुरु जी के वेतन पर रोक
भारी प्रधानाचार्य जुल्फेकार अली खान ने तय समय से डेढ़ घंटे पहले (सुबह 7:30 बजे) ही झंडोतोलन कर डाला और परंपरागत जलेबी की जगह खुरमा और बिस्कुट का वितरण करा दिया। इससे लोग आक्रोशित हो गए....

Bihar Teacher News:बिहार के वैशाली जिले के बेलसर प्रखंड अंतर्गत उच्च विद्यालय चकगुलामुद्दीन में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान अजीबोगरीब विवाद खड़ा हो गया। यहां प्रभारी प्रधानाचार्य जुल्फेकार अली खान ने तय समय से डेढ़ घंटे पहले (सुबह 7:30 बजे) ही झंडोतोलन कर डाला और परंपरागत जलेबी की जगह खुरमा और बिस्कुट का वितरण करा दिया।
ग्रामीणों का हंगामा
जैसे ही लोगों को इस घटना की जानकारी मिली, वे विद्यालय पहुंच गए और जमकर हंगामा करने लगे। ग्रामीणों का आरोप था कि वर्षों से 15 अगस्त को सुबह 9 बजे झंडा फहराया जाता रहा है, लेकिन इस बार बिना सूचना दिए समय बदल दिया गया। नतीजतन न तो बच्चे, न अभिभावक और न ही गांव के लोग समारोह में शामिल हो सके।
लोगों का गुस्सा मिठाई को लेकर और भड़क गया। ग्रामीणों ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर परंपरा के मुताबिक जलेबी ही प्रसाद के रूप में बांटी जाती है, लेकिन इस बार प्रधानाचार्य ने मनमानी कर खुरमा और बिस्कुट बांट दिए।
प्रशासन की एंट्री
स्थिति बिगड़ती देख मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी और स्थानीय थाना पुलिस पहुंची। काफी मशक्कत और समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत कराया गया।
प्रधानाचार्य पर कार्रवाई
घटना को गंभीर मानते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने प्रधानाचार्य से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। आरोप है कि उन्होंने न केवल समय और स्थल बदला बल्कि परंपरागत प्रसाद में भी बदलाव किया और इसकी कोई सार्वजनिक सूचना नहीं दी।
जारी पत्र में साफ लिखा गया है कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्ति तक आपके वेतन अवरुद्ध किया जाता है।
आजादी के 79वें वर्ष में जहां लोग बलिदानियों को याद कर तिरंगे के सम्मान में एकजुट होते हैं, वहीं एक प्रधानाचार्य की मनमानी ने पूरे समारोह को विवादित बना दिया।ग्रामीणों के सवाल भी कड़े हैं कि झंडा समय से पहले क्यों फहराया गया, राष्ट्रीय निठाई जलेबी की जगह खुरमा क्यों दिया गया ।क्या स्वतंत्रता दिवस पर भी अधिकारियों की सुविधा ही संविधान है?
रिपोर्ट- ऋषभ कुमार