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Medical College: ये है दुनिया का नंबर 1 मेडिकल कॉलेज, करोड़ों में है फीस, सुनकर दंग रह जाएंगे आप

डॉक्टर बनने का सपना? AIIMS टॉप नहीं है! हार्वर्ड मेडिकल स्कूल दुनिया का नंबर 1 है, लेकिन फीस 4 करोड़ रुपये है. जानिए यह संस्थान AIIMS से कैसे अलग है और भारतीय छात्रों के लिए क्या हैं मौके।

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Harvard medical school- फोटो : Harvard medical

अगर आप डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं और सोचते हैं कि एम्स भारत का टॉप मेडिकल कॉलेज है, तो यह खबर आपको चौंका सकती है। मेडिकल शिक्षा के मामले में दुनिया में एक ऐसा संस्थान है, जो न सिर्फ अपनी पढ़ाई बल्कि रिसर्च और इनोवेशन के लिए भी मशहूर है। हम बात कर रहे हैं हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की, जिसे कई ग्लोबल रैंकिंग में दुनिया का नंबर 1 मेडिकल कॉलेज माना जाता है। लेकिन यहां पढ़ाई की फीस इतनी ज्यादा है कि आम आदमी सोच भी नहीं सकता। 


हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की स्थापना 1782 में हुई थी और यह अमेरिका के मैसाचुसेट्स राज्य में स्थित है। इसे अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल स्कूलों में गिना जाता है। इसे क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 (मेडिसिन) और टाइम्स हायर एजुकेशन 2024 में शीर्ष स्थान दिया गया है। इसकी खासियत यह है कि यहां पढ़ाने वाले कई प्रोफेसर नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। दुनिया के बेहतरीन डॉक्टर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े अस्पतालों में ट्रेनिंग लेते हैं और अत्याधुनिक रिसर्च लैब और मेडिकल तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। 


अब सवाल यह उठता है कि इस कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए आपको कितनी फीस देनी होगी? हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में एक साल की ट्यूशन फीस 71,032 डॉलर यानी करीब 61.76 लाख रुपये है। इसके अलावा किताबें, स्वास्थ्य बीमा, कैंपस में आवास और अन्य व्यक्तिगत खर्च मिलाकर कुल सालाना खर्च करीब 95 लाख रुपये हो जाता है। अगर पूरे 4 साल के एमडी प्रोग्राम की बात करें तो इसकी कुल लागत करीब 3.85 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है। यानी हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से डॉक्टर बनने के लिए एक छात्र को करीब 4 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।


अगर फीस इतनी महंगी है तो क्या भारतीय छात्र यहां पढ़ाई कर सकते हैं? हार्वर्ड मेडिकल स्कूल कुछ चुनिंदा छात्रों को जरूरत के हिसाब से वित्तीय सहायता देता है, लेकिन इसकी संख्या बहुत सीमित है। ज्यादातर भारतीय छात्र बाहरी स्कॉलरशिप और एजुकेशन लोन लेकर ही यहां पढ़ाई का सपना पूरा कर पाते हैं। एडमिशन पाना भी आसान नहीं है। इसके लिए टॉप ग्रेड, मेडिकल रिसर्च और अंतरराष्ट्रीय मानकों की प्रवेश परीक्षा पास करनी होती है।


अब सवाल यह भी उठता है कि एम्स और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में से कौन बेहतर है? एम्स को भारत का सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान माना जाता है, लेकिन अगर इसकी तुलना हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से की जाए तो इसमें काफी अंतर है। एम्स की स्थापना 1956 में हुई थी, जबकि हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की स्थापना 1782 में हुई थी। एम्स वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष 200 में आता है, जबकि हार्वर्ड नंबर 1 पर बना हुआ है। सबसे बड़ा अंतर फीस का है। एम्स में एमबीबीएस कोर्स की फीस सिर्फ 7000 रुपये है, जबकि हार्वर्ड में करीब 4 करोड़ रुपये चुकाने पड़ते हैं।

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