बिहार की यूनिवर्सिटी–कॉलेजों में 6,000 से ज्यादा प्रोफेसरों की होगी भर्ती, BSUSC की बड़ी तैयारी, ऐसे करें आवेदन

राज्य शिक्षा विभाग ने सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया है कि वे सक्षम प्राधिकार से रिज़र्वेशन रोस्टर क्लियर कराने के बाद विषयवार रिक्त पदों की पूरी सूची उपलब्ध कराएं।

Bihar universities and colleges
Bihar universities and colleges- फोटो : news4nation

Bihar News : बिहार की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को जल्द ही बड़ी राहत मिलने वाली है। राज्य की यूनिवर्सिटी और संबद्ध कॉलेजों में अलग-अलग कैटेगरी के कम से कम 6,000 नए शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन (BSUSC) नए साल 2026 में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी कर सकता है।


राज्य शिक्षा विभाग ने सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया है कि वे सक्षम प्राधिकार से रिज़र्वेशन रोस्टर क्लियर कराने के बाद विषयवार रिक्त पदों की पूरी सूची उपलब्ध कराएं। इसके बाद यूनिवर्सिटी अपने-अपने विषयों में खाली पदों की गणना और रिज़र्वेशन रोस्टर को अंतिम रूप देने में जुटी हुई हैं।


13 यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के 5,000 पद खाली

सूत्रों के मुताबिक, बिहार की 13 पारंपरिक यूनिवर्सिटी में विभिन्न विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब 5,000 पद खाली हैं। वर्ष 2020 के बाद बड़ी संख्या में शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के कारण यह स्थिति बनी है। वहीं, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के 1,000 से अधिक पद पिछले लगभग चार दशकों से रिक्त पड़े हैं।


वरिष्ठ पदों पर नियुक्ति सीधे इंटरव्यू से

BSUSC के चेयरमैन गिरीश कुमार चौधरी ने बताया कि जैसे ही राज्य सरकार के माध्यम से यूनिवर्सिटी से वैकेंसी प्राप्त होंगी, आयोग उनकी विज्ञप्ति जारी करेगा। उन्होंने कहा कि नए स्वीकृत कानूनों के अनुसार एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर जैसे वरिष्ठ पदों पर नियुक्ति सीधे इंटरव्यू के आधार पर की जाएगी। हालांकि, यदि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा का प्रावधान लागू होता है तो प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है।


NET क्वालिफाइड और PhD डिग्री धारकों को भी लिखित परीक्षा 

लोक भवन के सूत्रों के अनुसार, चांसलर सेक्रेटेरिएट को राज्य शिक्षा विभाग की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर की दोबारा भर्ती के लिए स्टेट लेवल लिखित परीक्षा शुरू करने को लेकर कानून बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। अगर यह कानून लागू होता है तो वही अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, जो UGC की न्यूनतम योग्यता पूरी करते हों। NET क्वालिफाइड और PhD डिग्री धारकों को भी यह लिखित परीक्षा देनी होगी।


तीन सदस्यीय कानूनी समिति गठित

सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में कानून का मसौदा तैयार करने के लिए तीन यूनिवर्सिटी के कुलपतियों की तीन सदस्यीय कानूनी समिति पहले से गठित है। माना जा रहा है कि प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद बिहार में लंबे समय से लंबित शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया को गति मिलेगी।