2,852 फर्जी शिक्षकों का खुलासा, जालसाज गुरुओं की धांधली पर निगरानी ने कसा शिकंजा,बच्चों के भविष्य से मजाक करने वालों की जाएगी नौकरी

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में सामने आया है कि राज्यभर में 2,852 ऐसे शिक्षक नौकरी कर रहे हैं जिन्होंने जालसाज़ी और फर्जी दस्तावेज के जरिए बहाली हासिल की।

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2,852 फर्जी शिक्षकों का खुलासा- फोटो : Meta

 Bihar Teacher News: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में गहराया फर्जीवाड़े का अंधेरा अब उजाले में आने लगा है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में सामने आया है कि राज्यभर में 2,852 ऐसे शिक्षक नौकरी कर रहे हैं जिन्होंने जालसाज़ी और फर्जी दस्तावेज के जरिए बहाली हासिल की। यह कोई मामूली आंकड़ा नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध का संकेत है जहाँ शिक्षा की कुर्सी पर धोखाधड़ी की बुनियाद रखी गई।

अब तक 6.35 लाख नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशिक्षण प्रमाणपत्रों की गहन जांच की जा चुकी है। इस छानबीन में सामने आया कि सैकड़ों शिक्षक फर्ज़ी अंकपत्र और जाली प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्त हुए हैं। निगरानी ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, इन शिक्षकों के विरुद्ध 1,647 प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जा चुकी है।

2025 के शुरुआती सात महीनों में ही 72 नए मामलों का खुलासा हुआ है। इस गुनाह की गहराई को समझते हुए निगरानी के डीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने डीजीपी को पत्र लिखकर इस जांच को और तेज़ करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में इस गंभीर अपराध की सघन निगरानी और तीव्र जांच ज़रूरी है, ताकि शिक्षा विभाग से अपराधियों की सफ़ाई की जा सके।

यह जांच पटना हाईकोर्ट के उस आदेश के आलोक में की जा रही है, जिसमें वर्ष 2006 से 2015 के बीच नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों की वैधता की पुष्टि करने को कहा गया था। इस जांच का मक़सद साफ़ है — शिक्षा के नाम पर पनप रहे धोखेबाज़ों की पहचान और गिरफ़्तारी।

फिलहाल, जिन शिक्षकों की फर्ज़ी डिग्री पकड़ी गई है, वे अब क़ानून की गिरफ्त में हैं। लेकिन यह सवाल उठता है कि इस पूरे नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हैं? क्या ये अकेले खेला गया घोटाला है या इसके पीछे माफ़ियाई गठजोड़ भी काम कर रहा है?

बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दीमक की तरह चाट रही इस साज़िश के पर्दाफ़ाश के लिए निगरानी ब्यूरो अब तेज़ रफ्तार से कार्रवाई में जुट गया है। अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाना ही अब इसका अगला मिशन है — ताकि तालीम का दर्जा गिराने वालों को उनकी असली जगह दिखाई जा सके।