Bihar Vidhansabha Chunav 2025: 36 घंटे की सियासी जंग! बिहार में अंतिम चरण का रण, 20 जिलों में धुआंधार प्रचार, 3.7 करोड़ वोटरों का फैसला तय करेगा सत्ता की तस्वीर
दूसरे चरण के मतदान के लिए बिहार तैयार है और अब जनता की उंगली की स्याही सूबे का भविष्य लिखने वाली है।...
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव अपने निर्णायक मोड़ पर है।दूसरे और आखिरी चरण के लिए अब मात्र 36 घंटे का प्रचार समय बचा है। उम्मीदवार, दल और गठबंधन सभी अपने-अपने हिस्से की पूरी ताकत, सियासी दांव और जुबानी तीर चला रहे हैं। 9 नवंबर शाम 6 बजे प्रचार का शोर थम जाएगा और पूरा रण 11 नवंबर की वोटिंग की ओर बढ़ जाएगा।
इस चरण में पहले चरण से अधिक जिले, अधिक सीटें और अधिक प्रत्याशी हैं।कुल 20 जिलों की 122 सीटों पर 1302 उम्मीदवार मैदान में सभी की किस्मत ईवीएम की बैलट में कैद होगी।
सीमांचल, मगध, शाहाबाद और चंपारण इन इलाकों में हर दल के स्टार प्रचारक, दिग्गज चेहरे और बड़े नेता बिजली की रफ्तार से सभाएं, रोड शो और घर-घर संपर्क कर रहे हैं।
पहले चरण की ऐतिहासिक वोटिंग से उत्साहित चुनाव आयोग की नजर अब दूसरे चरण पर है।आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं कि सुरक्षा में कोई ढील नहीं दी जाए , बूथ पर मतदाताओं को न्यूनतम सुविधाएं अनिवार्य रुप से मिलें,उम्मीद यही कि दूसरे चरण में भी बंपर वोटिंग हो और बिहार फिर नया रिकॉर्ड बनाए। पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, कैमूर, रोहतास ,इन 20 जिलों में मतदान होगा।यानी बिहार का मैदान उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक पूरी तरह चुनावी रंग में रंगा हुआ है।
बूथों की संख्या और मतदाताओं का महाकैलकुलेशन
कुल बूथ: 45,399
ग्रामीण: 40,073
शहरी: 5,326
इस चरण में वोटर: 3,70,13,556
पुरुष: 1,95,44,041
महिलाएं: 1,74,68,572
थर्ड जेंडर: 943
यानी, हर सीट पर औसतन 3 लाख से ज्यादा वोटर, मतलब सियासत की बाजी कहीं भी उलट-पलट सकती है।
उम्मीदवारों का समीकरण
कुल प्रत्याशी: 1302
पुरुष: 1165
महिलाएं: 136
थर्ड जेंडर: 1
इस चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। पहले चरण की बंपर वोटिंग ने सियासत के समीकरण हिलाए हैं।अब सभी दल यही दावा कर रहे हवा हमारी है। लेकिन असली फैसला 11 नवंबर को EVM बताएगी।
फिलहाल, मैदान गर्म है, नेता थके नहीं हैं और मतदाता भी पहले से ज्यादा जागरूक दिख रहे हैं।आने वाले 36 घंटे में प्रचार का तूफ़ान थम जाएगा, फिर 48 घंटे सन्नाटा होगा और उसके बाद बिहार तय करेगा सत्ता की नई कहानी।इन सबके बीच सवाल बड़ा है कि क्या बंपर वोटिंग सत्ता बदल देगी या पुराने समीकरण फिर लौटेंगे?बहरहाल बिहार तैयार है और अब जनता की उंगली की स्याही सूबे का भविष्य लिखने वाली है।