बिहार में पहले चरण की 121 सीटों में 75% सीटें ‘रेड अलर्ट’, आपराधिक और करोड़पति उम्मीदवारों की भरमार, बड़ा खुलासा

बिहार चुनाव को लेकर आये एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट में पहले चरण की 121 सीटों में 75 फीसदी सीटें रेड अलर्ट वाली हैं

ADR report on candidates in Bihar elections
ADR report on candidates in Bihar elections- फोटो : news4nation

Bihar Election : एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताज़ा रिपोर्ट ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तस्वीर साफ़ कर दी है। 6 नवंबर को होने वाले पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होना है, जिनमें से 91 सीटें ‘रेड अलर्ट’ कैटेगरी में हैं। इसका मतलब है कि इन सीटों पर तीन या उससे अधिक ऐसे उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 121 महिलाएं शामिल हैं। ADR ने 1,303 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया, जिसके मुताबिक 354 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 519 उम्मीदवार करोड़पति हैं।


सबसे ज़्यादा अपराधी छवि वाले उम्मीदवार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से हैं, जबकि RJD के 42, BJP के 27, JD(U) के 15, कांग्रेस के 12 और CPI(ML) के 9 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 86 उम्मीदवारों पर हत्या के केस, जबकि 42 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले हैं। कुरहानी सीट सबसे आगे है, जहां 20 में से आठ उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक केस हैं। हाई-प्रोफाइल सीटें जैसे राघोपुर (तेजस्वी यादव) और तारापुर (सम्राट चौधरी) भी इस सूची में शामिल हैं।


103 उम्मीदवारों की संपत्ति 10 करोड़ रुपये से अधिक

आर्थिक स्थिति की बात करें तो 519 उम्मीदवारों ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है, जिनमें 103 उम्मीदवारों की संपत्ति 10 करोड़ रुपये से अधिक है। BJP के मुंगेर प्रत्याशी कुमार प्रणय 170.81 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, जबकि दरभंगा के SUCI(C) उम्मीदवार मोजाहिद आलम और बाढ़ के PPI(D) उम्मीदवार शत्रुघ्न वर्मा मात्र 1,000 रुपये की संपत्ति वाले सबसे गरीब प्रत्याशी हैं।


औसतन हर उम्मीदवार के पास 3.26 करोड़ रुपये की संपत्ति है। शिक्षा के मोर्चे पर 519 उम्मीदवारों की शिक्षा 5वीं से 11वीं तक है, जबकि 651 उम्मीदवार स्नातक या उससे अधिक शिक्षित हैं। 


उम्र के लिहाज से 463 उम्मीदवार 25–40 वर्ष, 669 उम्मीदवार 41–60 वर्ष, और 169 उम्मीदवार 61–80 वर्ष आयु वर्ग के हैं, जबकि दो उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 80 वर्ष से अधिक बताई है। ADR की यह रिपोर्ट एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि राजनीति में अपराध और धनबल का प्रभाव किस कदर बढ़ चुका है — और मतदाताओं के सामने अब चुनौती है कि वे अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव सोच-समझकर करें।