सीमांचल में एआईएमआईएम की धांसू एंट्री, ओवैसी ने राजद की उड़ाई नींद, कहा-'तेजस्वी भी दाढ़ी और टोपी देखकर मुसलमानों को चरमपंथी कहने लगे हैं'
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सीमांचल में एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री ने चुनावी समीकरणों में नई हलचल पैदा कर दी है।
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सीमांचल में एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री ने चुनावी समीकरणों में नई हलचल पैदा कर दी है। पहले चरण के मतदान के बाद अब राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है, खासकर उन सीटों पर जहां मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
प्राणपुर विधानसभा में अपने उम्मीदवार आफताब आलम के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने भाजपा के साथ-साथ राजद पर खुलकर हमला बोला। मंच से उन्होंने तेजस्वी यादव पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि “तेजस्वी अब मोदी के छोटे भाई की तरह उसी राह पर चल पड़े हैं। जिन मुद्दों पर पहले मोदी मुसलमानों के खिलाफ बयान देते थे, अब तेजस्वी भी दाढ़ी और टोपी देखकर मुसलमानों को चरमपंथी कहने लगे हैं।”
ओवैसी ने दावा किया कि सीमांचल के मुसलमान इस बयानबाज़ी का जवाब 11 नवंबर को होने वाले मतदान में देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यधारा की पार्टियाँ केवल चुनावी मौसम में मुसलमानों के वोट मांगती हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद उनके मुद्दों को भूल जाती हैं।
प्राणपुर में मुकाबला रोचक
प्राणपुर सीट पर आफताब आलम के मैदान में उतरने से लड़ाई त्रिकोणीय होती दिख रही है। स्थानीय समीकरणों के कारण यहां वोटों का ध्रुवीकरण तेज होने की संभावना है। एआईएमआईएम इस बार सीमांचल में कई सीटों पर पूरी ताकत से उतर चुकी है और पार्टी को उम्मीद है कि वह पिछले विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहरा सकती है, जब उसने पहली बार सीमांचल में चौंकाने वाला दखल दिया था।
ओवैसी फैक्टर
सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार और अररिया में मुस्लिम आबादी अधिक है और यही वजह है कि ओवैसी की सभाओं पर अन्य दलों की भी पैनी नज़र है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओवैसी का वोट शेयर भले कम हो, पर जहाँ-जहाँ मुकाबला करीबी है, वहाँ उनका प्रवेश समीकरण बदल सकता है। कई सीटों पर यह फैक्टर पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगा सकता है, जिससे चुनाव परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं।
पहले चरण के बाद अब निगाहें दूसरे चरण की सीटों पर हैं, और जैसे-जैसे मतदान की तारीख नज़दीक आ रही है, सीमांचल की राजनीति और तीखी होती जा रही है। ओवैसी लगातार सभाएँ कर रहे हैं और मुख्यधारा की पार्टियाँ भी अपने सम्मेलन और रोड शो तेज कर चुकी हैं।
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह