बिहार के इन 19 विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला, 6 सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार आमने-सामने, कहीं कहीं तो चतुष्कोणीय संघर्ष

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। पहले चरण में 121 सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होना है वहीं 11 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान 122 सीटों पर होगा। दूसरे चरण में 19 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा...

19 विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला
19 विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला- फोटो : News4nation

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होना है। जिनमें से 19 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बनने की संभावना है। इन सीटों पर एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज जैसे दलों के बीच सीधा संघर्ष देखा जा रहा है। इसके अलावा, कई सीटों पर बागी निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने पूर्व दलों के उम्मीदवारों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

बागियों ने बढ़ाई सियासी सरगर्मी

इस बार कई सीटों पर बागी उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। गोपालपुर से जदयू के बागी गोपाल मंडल, दिनारा से पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह, कसबा से कांग्रेस के बागी आफाक आलम, परिहार से राजद की बागी रीतू जायसवाल और रूपौली से निर्दलीय विधायक शंकर सिंह अपने-अपने दलों के आधिकारिक प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। गोपालपुर में जदयू के बुलो मंडल और दिनारा में रालोमो के आलोक सिंह को न केवल विपक्षी दलों से, बल्कि अपने ही बागी नेताओं से जूझना पड़ रहा है।

सासाराम में त्रिकोणीय संघर्ष, कुशवाहा वोटों पर नजर

सासाराम सीट पर भी त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है। यहां रालोमो नेता उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा मैदान में हैं। उनका मुकाबला राजद प्रत्याशी सत्येंद्र शाह और बसपा के उम्मीदवार डॉ. अशोक कुमार से है। दोनों प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार स्थानीय और प्रभावशाली माने जाते हैं, जबकि स्नेहलता कुशवाहा कुशवाहा समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। ऐसे में इस सीट पर कुशवाहा वोटरों का झुकाव परिणाम तय कर सकता है।

महागठबंधन में “फ्रेंडली फाइट” की स्थिति

महागठबंधन की छह सीटों पर घटक दलों के बीच ही सीधी टक्कर है। इनमें से चार प्रमुख सीटें सुलतानगंज, कहलगांव, सिकंदरा और नरकटियागंज हैं, जहां राजद और कांग्रेस एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। नरकटियागंज में सबसे दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां एनडीए के संजय पांडेय, कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडेय और राजद के दीपक यादव के बीच त्रिकोणीय संघर्ष बन गया है।

जन सुराज और एआईएमआईएम ने बनाई तीसरी चुनौती

इस चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज कई सीटों पर तीसरा विकल्प बनकर उभर रही है। गुरुआ से संजीव श्याम सिंह और जोकीहाट से सरफराज आलम जैसे उम्मीदवार एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए चुनौती बने हुए हैं। दूसरी ओर, सीमांचल क्षेत्र में एआईएमआईएम भी कई सीटों पर समीकरण बिगाड़ रही है। बहादुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन और अमौर जैसी सीटों पर एआईएमआईएम के उम्मीदवारों की उपस्थिति से मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है।

पांच प्रमुख सीटों पर बागियों की सीधी चुनौती

क्षेत्र                          एनडीए उम्मीदवार                      महागठबंधन उम्मीदवार                   तीसरा कोण (निर्दलीय/अन्य)

परिहार                     गायत्री देवी (भाजपा)                        स्मिता गुप्ता (राजद)                            रीतू जायसवाल (निर्दलीय)

गोपालपुर                  बुलो मंडल (जदयू)                           प्रेम सागर यादव (वीआईपी)                गोपाल मंडल (निर्दलीय)

दिनारा                       आलोक सिंह (रालोमो)                     राजेश यादव (राजद)                           जयकुमार सिंह (निर्दलीय)

कसबा                       नितेश कुमार सिंह (लोजपा-आर)        इरफान आलम (कांग्रेस)                    आफाक आलम (निर्दलीय)

रूपौली                      कलाधर मंडल (जदयू)                         बीमा भारती (राजद)                          शंकर सिंह (निर्दलीय)

जहां-जहां बन रहा त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय संघर्ष

विधानसभा                 एनडीए                                महागठबंधन                                                      तीसरा पक्ष

गुरुआ                         उपेंद्र दांगी (भाजपा)              विनय यादव (राजद)                                     संजीव श्याम सिंह (जन सुराज)

जोकीहाट                    मंजर आलम (जदयू)              शाहनवाज आलम (राजद)                             सरफराज आलम (जन सुराज)

सासाराम                     स्नेहलता कुशवाहा (रालोमो)    सत्येंद्र साह (राजद)                                       डॉ. अशोक कुमार (बसपा)

शिवहर                        श्वेता गुप्ता (जदयू)                    नवनीत झा (राजद)                                       मोह. शर्फुद्दीन (बसपा)

बहादुरगंज                  मोह. कलीमुद्दीन (लोजपा-आर)   मसव्वर आलम (कांग्रेस)                             मोह. तौसीफ आलम (एआईएमआईएम)

किशनगंज                  स्वीटी सिंह (भाजपा)                    कमरुल होदा (कांग्रेस)                               शम्स आगाज (एआईएमआईएम)

कोचाधामन                 वीणा देवी (भाजपा)                      मुजाहिद आलम (राजद)                           मोह. सरवर आलम (एआईएमआईएम)

अमौर                         सबा जफर (जदयू)                       जलील मस्तान (कांग्रेस)                            अख्तरूल ईमान (एआईएमआईएम)

जन सुराज ने बदला चुनावी समीकरण

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जन सुराज की सक्रियता ने इस बार कई सीटों पर समीकरण बदल दिए हैं। एनडीए और महागठबंधन दोनों को न केवल जन सुराज बल्कि बागियों और क्षेत्रीय दलों से भी कड़ी चुनौती मिल रही है। कुल मिलाकर, दूसरे चरण का चुनाव बहुकोणीय संघर्ष की ओर बढ़ता दिख रहा है।