Bihar Assembly Election 2025: बिहार के सियासी दंगल की शुरुआत हो गई है। बिहार विधानसबा चुनाव 2025 में भी कांग्रेस लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के सहारे हीं वैतरणी पार करने की तैयारी में है। राजनीतिक विद्वानों के अनुसार कांग्रेस राजद के साथ गठबंधन करके अपनी किस्मत आजामाएगी। एक समय ऐसा था जब बिहार में कांग्रेस का सिक्का चलता था, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि यहां पर इसका नेता कौन है यही ज्यादातर लोगों को पता नहीं होगा. बहरहाल 10 मार्च 1990 के बाद जैसे कांग्रेस के ग्रहों की चाल बदल गई और पार्टी का पतन होता चला गया. बिहार में इस बार हो रहे चुनाव से जुड़े कांग्रेस के कुछ मुद्दों पर. सबसे आश्चर्य भरा प्रश्न यही सामने आया है कि कांग्रेस जितनी सीटों की मांग कर रही है राजद उतना ददेने को तैयार नहीं है।
वहीं बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस समझौते के मूड में नहीं दिख रही है तो राजद ने भी अपने तेवर तल्ख कर रखे हैं। दलित वोट बैंक पर नज़र रखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस साल दो बार पटना जा चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी भी जल्द ही बिहार में चुनावी रैलियां करेंगे।कांग्रेस, राजद के साथ गठबंधन में अपनी स्थिति मज़बूत करने की कोशिश कर रही है और ज्यादा सीटों पर दावा ठोकने के लिए अपनी ताकत दिखाना चाहती है। पार्टी ने हाल हीं में बिहार प्रभारी को बदल कर राहुल गांधी के एक करीबी नेता को बिहार कांग्रेस का प्रभारी बनाया है।हालाकि कांग्र इस बार ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने की जिद्द के बजाय जीत की अधिक संभावना वाली सीट हासिल करने की जुगत में है। इससे पार्टी ज्यादा से ज्यादा सीट पर जीत हासिल कर सकेगी।
विधानसभा चुनाव की तैयारियों और सीट बंटवारे पर राजद और दूसरे घटक दलों के साथ बातचीत से पहले पार्टी ने एक आंतरिक सर्वे कराया है। करीब एक माह पहले हुए इस सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस को सीट की संख्या के बजाय जीत की संभावना वाली सीट पर चुनाव लड़ना है। करीब पांच दर्जन सीट पर पार्टी के पास संगठन और बेहतर उम्मीदवार है। गठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा के दौरान पार्टी सिर्फ उन सीट पर अपनी दावेदारी जताएगी, जहां जीत की संभावनाएं हैं। इसके लिए कुछ सीट की अदला-बदली भी की जा सकती है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 75 सीटें जीती थीं। वहीं, कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी और केवल 19 सीटें ही जीत पाई थी। वाम दलों, ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी थी कि अगर राजद ने कांग्रेस की बजाय वाम दलों को अधिक सीटें दी होती, तो शायद महागठबंधन सरकार बना लेता। यही कारण है कि कांग्रेस इस बार पहले से ही अपनी दावेदारी पेश कर रही है।
बहरहाल कांग्रेस 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरी तरह जुट गई है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व आश्वस्त है कि इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले चुनाव से बेहतर होगा।