Bihar vidhan sabha chunav 2025: 2020 के विधानसभा आम चुनाव के बाद, बिहार में विभिन्न कारणों से कई विधानसभा सीटें रिक्त हुईं। इनमें नौ विधायकों के निधन और तीन विधायकों की सजायाफ्ता होने के कारण सीटे खाली हुईं थीं। इस कारण 12 उप चुनाव कराए गए।
कुशेश्वर स्थान और तारापुर विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी जब जदयू सदस्य शशिभूषण हजारी और राजद सदस्य मेवालाल चौधरी का असामयिक निधन हो गया। इसके अलावा, गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित सदस्य सुभाष सिंह का भी निधन हुआ, जिसके चलते वहां भी उप चुनाव कराया गया।
इसके अलावा, कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित आरजेडी सदस्य अनिल सहनी को भ्रष्टाचार के आरोप में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। इसी तरह, अगिआंव विधानसभा क्षेत्र से माले सदस्य मनोज मंजिल को कोर्ट द्वारा सजा दी गई थी, जिससे उनकी सीट भी रिक्त हो गई।
इन सभी घटनाओं के कारण उप चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू हुई। 2022 में हुए उप चुनावों में भाजपा ने कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी उप चुनाव कराए गए थे। इस प्रकार, कुल मिलाकर 12 उप चुनाव कराए गए जिनमें विभिन्न राजनीतिक दलों ने भाग लिया।
वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ अगिआंव विधानसभा का उप चुनाव भी आयोजित किया गया। अगिआंव विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित माले सदस्य मनोज मंजिल को न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई। सजायाफ्ता होने के कारण इस क्षेत्र में उप चुनाव कराना आवश्यक हो गया। विधानसभा 2020 के आम चुनाव के बाद, लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामस्वरूप सबसे अधिक रिक्तियां उत्पन्न हुईं।
लोकसभा चुनाव 2024 में रूपौली, तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज की सीटें खाली हो गईं। रूपौली विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित सदस्य बीमा भारती ने जदयू से इस्तीफा देकर लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके अतिरिक्त, लोकसभा चुनाव में तरारी विधानसभा के विधायक सुदामा प्रासद, रामगढ़ से निर्वाचित सदस्य सुधाकर सिंह, इमामगंज से निर्वाचित सदस्य जीतन राम मांझी और बेलागंज से निर्वाचित सदस्य सुरेंद्र यादव के सांसद निर्वाचित होने के बाद इन सीटों पर उप चुनाव कराए गए।नौ विधायकों के निधन और तीन सजायाफ्ता विधायकों के कारण बिहार में 12 उप चुनाव कराए गए थे।