तेजस्वी यादव होंगे मुख्यमंत्री का चेहरा, कांग्रेस का राजद को बड़ा गिफ्ट, बिहार विधानसभा चुनाव पर कन्हैया कुमार की बड़ी घोषणा
मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में तेजस्वी यादव के नाम पर कांग्रेस ने सहमति जता दी है. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने राजद नेता को लेकर बड़ी घोषणा की है.

Bihar assembly elections: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने राजद को बड़ी खुशखबरी देते हुए तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में स्वीकार लिया है. कांग्रेस के कन्हैया कुमार ने शुक्रवार को कहा कि तेजस्वी यादव को सीएम पद का मुख्य चेहरा बनाने को लेकर महागठबंधन में कोई भ्रम या विवाद नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को बहुमत मिलता है तो मुख्यमंत्री राजद से होगा.
कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार में महागठबंधन में सीएम फेस पर कोई कंफ्यूजन नहीं है. तेजस्वी यादव के नाम पर भी कोई विवाद नहीं है. कन्हैया कुमार के इस बयान के बाद यह भी साफ हो गया है कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के सीएम पद के दावेदार हैं. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के जीतने पर सबसे बड़े घटक दल के रूप में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का नेता ही स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री होगा.
नीतीश को निगल जाएगी भाजपा
कांग्रेस नेता ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी को जैसे ही मौका मिलेगा, वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जगह अपने किसी नेता को बिहार का सीएम बना देगी. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी यह परंपरा रही है कि वो पहले क्षेत्रीय पार्टी का समर्थन लेती है और फिर “धीरे-धीरे उसे निगल जाती है.
अखिलेश सिंह भी किये समर्थन
एक दिन पहले ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद डॉ अखिलेश सिंह भी तेजस्वी के सीएम बनने का समर्थन किये थे. उन्होंने राजद नेता से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा था कि तेजस्वी नहीं तो कौन सीएम उम्मीदवार होंगे. उनके इस बयान के बाद अब कन्हैया ने भी तेजस्वी के समर्थन वाला बयान दिया है जो चुनाव के पहले नेतृत्व के मुद्दे पर राजद की टेंशन को दूर करने वाला है.
राजद ने जीती सर्वाधिक सीटें
गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन की अगुवाई आरजेडी कर रही है. इस गठबंधन में वामदल, कांग्रेस, और वीआईपी शामिल है. पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सबसे बड़े घटक आरजेडी ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 75 सीटें हासिल की थी. वहीं कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन उसे सिर्फ 19 सीटें जीती थीं. भाकपा (माले) लिबरेशन ने 19 सीट पर चुनाव लड़ा और 12 पर जीत हासिल की थी.