Bihar Vidhansabha Chunav 2025: दशरथ मांझी के बेटे भगीरथ मांझी निराश, दिल्ली में 4 दिन रहे, राहुल से नहीं हुई मुलाकात, टिकट भी नहीं मिला

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बेटे भगीरथ मांझी को कांग्रेस से टिकट की उम्मीद थी। लेकिन हाथ निराशा हीं लगी....

Dashrath Manjhi s Son Bhagirath
दशरथ मांझी के बेटे भगीरथ मांझी निराश- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी हलचल अब पूरे प्रदेश में दिख रही है। नामांकन दाखिल होने के बाद प्रचार का दौर तेज़ हो गया है, लेकिन टिकट न मिलने से कई दावेदारों में नाराज़गी भी बढ़ी है। ऐसे ही एक मामला है माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बेटे भगीरथ मांझी का, जिन्होंने कांग्रेस से टिकट की उम्मीद लगाई थी।

भगीरथ मांझी ने बताया कि कांग्रेस में आने के बाद भी उन्हें टिकट नहीं मिला, जबकि पहले उन्हें इसके लिए आश्वासन दिया गया था। उन्होंने कहा  मैं चुनाव लड़ने के लिए दिल्ली गया और चार दिन वहीं रहा। सारे जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए थे, लेकिन टिकट नहीं मिला। मैंने राहुल गांधी से भी टिकट मांगा था। उन्होंने आश्वासन दिया था कि टिकट मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सभी को टिकट दिए गए, लेकिन हमें नहीं मिला। मैं चार दिन तक दिल्ली में रहा और वहां राहुल गांधी से नहीं मिल पाया।

भगीरथ ने यह भी याद किया कि जब राहुल गांधी उनके घर आए थे और राजगीर यात्रा पर गए थे, तब उन्हें भी साथ ले जाया गया था। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने ही उनका घर बनवाया और उन्हें व्यक्तिगत तौर पर सम्मान दिया। राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो, भगीरथ मांझी जनवरी 2025 में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। कांग्रेस में शामिल होने से पहले उन्होंने पटना में राहुल गांधी से मुलाकात की और चुनाव लड़ने की इच्छा जताई। मुलाकात के दौरान, उनका कहना है कि राहुल गांधी ने उन्हें अपने पास बिठाया, हाथों से पानी पिलाया और विधायक बनाने का वादा किया।

भगीरथ मांझी का परिवार सामाजिक और सियासी दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उनके पिता दशरथ मांझी बिहार के गया जिले के गेहलौर गांव के रहने वाले थे। दशरथ मांझी ने अकेले हथौड़े और छेनी से पहाड़ी काटकर 110 मीटर लंबा, 9.1 मीटर चौड़ा और 7.7 मीटर गहरा रास्ता बनाया, जिससे अत्री और वजीरगंज ब्लॉकों के बीच की दूरी 55 किमी से घटकर 15 किमी हो गई। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने उन्हें ‘माउंटेन मैन’ के नाम से प्रसिद्ध किया।

दशरथ मांझी का निधन 17 अगस्त 2007 को नई दिल्ली के AIIMS में हुआ। बिहार सरकार ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार दिया। अब उनके बेटे भगीरथ मांझी कांग्रेस से टिकट न मिलने के कारण चुनावी राजनीति में असंतोष व्यक्त कर रहे हैं, और यह मामला बिहार चुनावी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।