Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार चुनाव के नामांकन का अंतिम फेज, दीपावली के दिन सियासी अखाड़ा, नेताओं की शुमारबंदी और उम्मीदवारों की घमासान तैयारियों के बीच ये नेता भरेंगे पर्चा

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज के लिए नामांकन का अंतिम दिन आज यानी सोमवार दीपावली के शुभ अवसर पर है।आज कई धुरंधर पर्चा दाखिल करेंगे।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025
दीपावली के दिन सियासी अखाड़ा- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज़ के लिए नामांकन का अंतिम दिन आज यानी सोमवार दीपावली के शुभ अवसर पर है। राजनीतिक गलियारों में हलचल चरम पर है और सभी पार्टियों के बचे हुए नेता आज अपने-अपने पर्चे दाखिल करके सियासी रणभूमि में उतरेंगे। इस चरण में सियासत के मायने सिर्फ़ सत्ता की दौड़ तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि गठबंधन, प्रत्याशी चयन और क्षेत्रीय समीकरणों के नजदीकी युद्ध का रूप ले लिया है।

कुटुंबा विधानसभा से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और राजद प्रत्याशी सुरेश पासवान आज नामांकन करेंगे। वहीं, कसबा से AIMIM प्रत्याशी शाहनवाज आलम अपने पर्चे दाखिल करेंगे। गोपालपुर में गोपाल मंडल, जो पिछली बार जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े थे, इस बार निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं और उनके सामने बुलो मंडल (जदयू) भी पर्चा दाखिल करेंगे।

औरंगाबाद सदर सीट से आजाद समाज पार्टी के अतहर हुसैन मंटू ने नामांकन का ऐलान किया है। ओबरा से राजद के ऋषि कुमार, अमौर से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अब्दुल जलील मस्तान, और बायसी से पूर्व विधायक हाजी अब्दुस शुबहान (आरजेडी) भी अपने पर्चे दाखिल करेंगे। कसबा विधानसभा से नितेश सिंह (लोजपा) और कांग्रेस के मो. इरफान आलम भी नामांकन करेंगे।

वर्तमान विधायक मो. आफाक आलम इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं। AIMIM ने शाहनवाज आलम को अपना चेहरा बनाया है, जबकि पूर्णिया सदर से जितेंद्र यादव (कांग्रेस), बनमनखी से देवनारायण रजक (कांग्रेस) और शंकर ब्रह्मचारी (निर्दलीय) भी मैदान में हैं। धमदाहा से बंटी यादव (जन सुराज पार्टी) ने भी अपने पर्चे दाखिल किए।

इस अंतिम दिन का महत्व केवल पर्चा दाखिल करने तक सीमित नहीं है। यह सियासी समीकरण, गठबंधन की मजबूती और प्रत्याशियों की लोकप्रियता का भी प्रमुख परीक्षण है। सभी दलों के नेता दीपावली के शुभ अवसर पर अपने-अपने क्षेत्र में जनता से मिलकर समर्थन जुटाने में लगे हैं। चुनावी अखाड़े में आज का दिन निर्णायक साबित हो सकता है, क्योंकि पर्चों की दाख़िलात के बाद ही साफ़ होगा कि कौन क्षेत्र में कितनी ताक़त रखता है और किसका गणित सबसे मजबूत है।

सियासत के इस महायुद्ध में उम्मीदवारों की घमासान तैयारी और रणनीति बिहार के मतदाताओं के लिए दिलचस्प और निर्णायक मोड़ लाएगी।