Anant Singh Mokama Case: जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह सहित 5 पर हत्या का केस दर्ज , मोकामा की सियासत बनी संगीन जंग, दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में दोनों पक्षों के द्वारा लिखित आवेदन, प्राथमिकी दर्ज
जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है।
 
                            Anant Singh Mokama Case: बिहार विधानसभा चुनाव की तपिश में अब मोकामा की जमीन भी खून से रंग गई है। जदयू के बाहुबली प्रत्याशी और पूर्व विधायक अनंत सिंह एक बार फिर विवादों के भंवर में फंस गए हैं। जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं अनंत सिंह की तरफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।इस मामले में दोनों पक्षों के द्वारा लिखित आवेदन दिए गए हैं, प्राथमिकी दर्ज हो गई है।
बता दें यह वारदात गुरुवार को मोकामा के टाल क्षेत्र में तब हुई जब दोनों दलों के समर्थकों के बीच तीखी झड़प हिंसा में बदल गई। देखते ही देखते गोलियां चलीं, गाड़ियाँ तोड़ी गईं, और दुलारचंद यादव की मौत हो गई। इस घटना ने मोकामा की सियासत को एक बार फिर पुराने खूनी रंजिश के रास्ते पर ला खड़ा किया है।
मृतक के परिजनों ने अनंत सिंह, उनके दो भतीजों रणवीर और कर्मवीर सिंह समेत पाँच लोगों को आरोपी बनाया है। आरोप है कि अनंत सिंह के लोगों ने पहले गोली मारी और फिर गाड़ी चढ़ाकर दुलारचंद की हत्या कर दी। पुलिस ने मृतक के पोते के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है, हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि मोकामा के तारतर गांव के पास दो पक्षों के बीच मारपीट हुई। मौके से तीन गाड़ियां बरामद की गईं, जिनके शीशे टूटे हुए थे। इनमें से एक गाड़ी में दुलारचंद यादव का शव मिला। उन्होंने यह भी कहा कि दुलारचंद स्वयं पहले से आपराधिक पृष्ठभूमि के रहे हैं और उनके खिलाफ हत्या व आर्म्स एक्ट के कई मुकदमे दर्ज थे।
दूसरी तरफ़, अनंत सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को राजनीतिक षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि जब मैं चुनाव प्रचार से लौट रहा था, तो आगे निकल गया था। पीछे चल रही कुछ गाड़ियों पर जन सुराज समर्थकों ने हमला किया। यह पूरा मामला राजद नेता सूरजभान सिंह की साज़िश है।
बता दें मोकामा और बाढ़ का टाल इलाका लंबे समय से बाहुबली राजनीति और स्थानीय वर्चस्व की जंग का केंद्र रहा है। मृतक दुलारचंद यादव का इलाके में खासा प्रभाव था और वह पीयूष प्रियदर्शी के प्रचार में सक्रिय थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गुरुवार दोपहर करीब 3:30 बजे खुशहालचक के पास दोनों दलों के समर्थक आमने-सामने आ गए। पहले गाली-गलौज हुई, फिर ईंट-पत्थर चले और आखिर में बंदूकें गरज उठीं।
अब इस घटना ने चुनावी माहौल को पूरी तरह तनावपूर्ण बना दिया है। पुलिस पूरे टाल क्षेत्र में कैंप कर रही है, गांवों में चौकसी बढ़ा दी गई है। जनता में दहशत और गुस्सा दोनों है।बिहार की सियासत में यह कोई पहली बार नहीं जब चुनावी रैलियों की गूंज गोलियों की आवाज़ में दब गई हो। मगर मोकामा की यह वारदात बता रही है कि लोकतंत्र की जंग यहां अब भी बारूद और बदले की भाषा में लड़ी जा रही है।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    