243 सीट के लिए महागठबंधन के 252 प्रत्याशी मैदान में , 11 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’, आरजेडी-कांग्रेस और वीआईपी के आमने-सामने मुकाबले से बढ़ा राजनीतिक तापमान, उलझन में गठबंधन

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटे महागठबंधन के दलों ने 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए एकराय नहीं बनाई, जिसके कारण 252 प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025
आरजेडी–कांग्रेस और वीआईपी के आमने-सामने मुकाबले से बढ़ा राजनीतिक तापमान- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार में दो चरणों के विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर उलझन अभी तक सुलझ नहीं पाई है। सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटे महागठबंधन के दलों ने 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए एकराय नहीं बनाई, जिसके कारण 252 प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं। इस तरह 11 सीटों पर ‘फ्रेंडली मुकाबला’ नजर आ रहा है।

दरअसल, दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपने 143 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। कांग्रेस ने 61 और वाम दलों ने 33 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। वाम दलों में सीपीआई 9, सीपीएम 4 और सीपीआई-एमएल 20 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा मुकेश सहनी की वीआईपी ने 15 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई।

हालात तब और पेचीदा हो गए जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने चुनाव में शामिल नहीं होने का ऐलान कर दिया। इससे पहले जेएमएम ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा जताया था। दूसरे चरण (11 नवंबर) में धमदाहा, चकाई, कटोरिया, जमुई, मनिहारी और पीरपैंती सीट पर जेएमएम के प्रत्याशी मैदान में उतरने वाले थे, लेकिन अब उनकी गैरमौजूदगी से महागठबंधन के समीकरण बदल गए हैं।

फ्रेंडली मुकाबलों की बात करें तो बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के बीच 5 सीटों पर सीधा आमना-सामना होगा  सिकंदरा, सुल्तानगंज, कहलगांव, लालगंज और नरकटियागंज। हालांकि आरजेडी ने कुटुंबा (आरक्षित) सीट पर कांग्रेस से सीधे टकराव से परहेज किया है, जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम का नामांकन था।

आरजेडी और वीआईपी के बीच भी 2 सीटों पर फ्रेंडली मुकाबला है। कैमूर की चैनपुर और मधुबनी की बाबू बरही सीट पर दोनों दल आमने-सामने हैं। वहीं कांग्रेस और वाम दलों के बीच 4 सीटों — बछवाड़ा, करगहर, बिहार शरीफ और राजापाकर  पर भी मुकाबला दिलचस्प रहेगा।

चुनाव की रूपरेखा साफ है: पहले चरण के लिए मतदान 6 नवंबर, दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर, और गिनती 14 नवंबर को होगी। पहले चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर थी, जबकि दूसरे चरण के लिए 20 अक्टूबर को नामांकन प्रक्रिया समाप्त हुई।

अब सवाल यह उठता है कि जिन 11 सीटों पर महागठबंधन के अंदर फ्रेंडली मुकाबला चल रहा है, उसका लाभ किसे होगा। क्या यह संघर्ष महागठबंधन के खाते में जाएगा या फिर एनडीए को इसका सीधा फायदा मिलेगा? राजनीतिक पंडित मान रहे हैं कि यह चुनावी समर महागठबंधन और एनडीए दोनों के लिए रणनीतिक मोड़ साबित होने वाला है।

इस बीच जनता की निगाहें इन फ्रेंडली फाइट्स, प्रत्याशियों की लोकप्रियता और गठबंधन की रणनीति पर टिकी हुई हैं। बिहार का यह चुनाव न केवल राजनीतिक समीकरणों, बल्कि दलों के अंदरूनी गणित और जनता के फैसले की परीक्षा भी साबित होने वाला है।