Bihar Vidhansabha chunav 2025: मोकामा में सियासी महाभारत, अनंत सिंह बनाम सूरजभान सिंह, बाहुबल, भीड़ और बाइक रैली से गर्माया चुनावी मैदान
Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण के प्रचार का आख़िरी दिन मोकामा में सियासी अखाड़े में तब्दील हो गया।यहाँ का माहौल किसी राजनीतिक सभा से ज़्यादा, शक्ति प्रदर्शन के मैदान जैसा था...
                            Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण के प्रचार का आख़िरी दिन मोकामा में सियासी अखाड़े में तब्दील हो गया।यहाँ का माहौल किसी राजनीतिक सभा से ज़्यादा, शक्ति प्रदर्शन के मैदान जैसा था जहाँ दोनों बाहुबली नेताओं ने अपनी-अपनी साख और पकड़ दिखाने के लिए पूरी ताक़त झोंक दी।एक ओर राजद उम्मीदवार वीणा देवी, जो सूरजभान सिंह की पत्नी हैं, तो दूसरी ओर जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह, जिनका नाम मोकामा की राजनीति में धाक और दबदबे से जुड़ा रहा है।दोनों पक्षों ने प्रचार के अंतिम दिन सड़कों पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया और माहौल को पूरी तरह अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश की।
राजद उम्मीदवार वीणा देवी ने सैकड़ों बाइक सवार समर्थकों के साथ विशाल रैली निकालकर पूरे क्षेत्र में अपनी मौजूदगी का ऐलान किया।मोकामा, हाथीदह और घोसवरी की गलियों में “वीणा देवी जिंदाबाद” के नारे गूंजते रहे।बाइक रैली में युवाओं की भारी भागीदारी देखी गई, जिससे यह साफ़ हो गया कि सूरजभान सिंह के प्रभाव और संगठन की पकड़ अब भी क्षेत्र में मज़बूत है।रैली के दौरान वीणा देवी ने जनता से अपील की कि मोकामा की धरती ने हमेशा न्याय और जनसेवा को तरजीह दी है। इस बार भी जनता विकास और सम्मान की राजनीति को चुनेगी।
उधर, जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह के समर्थन में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने लगातार दूसरे दिन रोड शो कर मोकामा का माहौल गरमा दिया।यह रोड शो किसी राजनीतिक आयोजन से बढ़कर जनसैलाब का प्रदर्शन बन गया।हाथीदह में राजेश सिंह ‘पहाड़’ और मनीष सिंह के नेतृत्व में ललन सिंह का ऐतिहासिक स्वागत किया गया।ग्यारह जेसीबी मशीनों से पुष्पवर्षा कर क्षेत्रवासियों ने मंत्री का अभिनंदन किया।ढोल-नगाड़ों, गाजे-बाजे और फूलों की बौछार के बीच ललन सिंह ने जनता से भावुक अपील की कि लोकसभा चुनाव में घोसवरी से मुझे हराकर जो गलती हुई थी, उसे अब दोहराना मत। मोकामा की पहचान अपराध नहीं, विकास होनी चाहिए।
घोसवरी में भी केंद्रीय मंत्री का जोरदार स्वागत हुआ, जहाँ परशुराम पारस के नेतृत्व में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुटे।ललन सिंह ने यहाँ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जेडीयू सरकार ने शांतिपूर्ण शासन और विकास की दिशा में जो काम किए हैं, उसे जनता भूल नहीं सकती।
मोकामा विधानसभा सीट हमेशा से बिहार की राजनीति में हॉट सीट मानी जाती रही है।यहाँ का चुनाव अक्सर बाहुबली छवि और जातीय समीकरणों के इर्द-गिर्द घूमता है।अनंत सिंह का नाम जहाँ ‘छोटे सरकार’ के तौर पर प्रभावशाली रहा है, वहीं सूरजभान सिंह की राजनीतिक विरासत अब वीणा देवी के हाथों में है।इस बार का मुकाबला इसलिए दिलचस्प है क्योंकि दोनों परिवारों की सियासी जड़ें और जनसंपर्क नेटवर्क क्षेत्र में गहरे हैं।राजद का सामाजिक समीकरण और जेडीयू का शासन-संतुलन दोनों के बीच मतदाता खुद को भावनाओं बनाम विकास की दो राहों पर खड़ा पा रहा है।
मोकामा के ग्रामीण इलाकों में चर्चा है कि इस बार मुकाबला नज़दीकी और प्रतीकात्मक दोनों है।जहाँ राजद वोट बैंक पारंपरिक रूप से मजबूत है, वहीं जेडीयू को सरकार के विकास कार्यों का लाभ मिलने की उम्मीद है।स्थानीय लोग कहते हैं कि मोकामा में चुनाव मुद्दों से ज़्यादा रिश्तों का है। यहाँ हर वोट का ताल्लुक किसी ना किसी घराने से है।चुनावी प्रचार के अंतिम दिन मोकामा की सड़कों पर जितनी भीड़ दिखी, उतनी ही गर्माहट सियासत में झलकी।बाहुबल और लोकप्रियता के इस टकराव में यह तय होना बाकी है कि मोकामा की गद्दी पर कौन बैठेगा वीणा देवी की सियासी विरासत या अनंत सिंह का जनाधार।
जो भी जीते, इतना तय है कि मोकामा का यह चुनाव बिहार की राजनीति में बाहुबल, भीड़ और भावनाओं के संगम का सबसे जीवंत उदाहरण बन चुका है।
रिपोर्ट- विकास कुमार