Motihari Assembly Seat : भाजपा के प्रमोद कुमार का निरंतर दबदबा, कांग्रेस से लेकर आरजेडी तक ने देखे हार के दिन

Motihari Assembly Seat

Motihari Assembly Seat: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले की मोतिहारी विधानसभा सीट पर पिछले दो दशकों में कई राजनीतिक बदलावों और चुनावी उठा-पटक के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के प्रमोद कुमार ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई हुई है। 2005 में भाजपा के टिकट पर यहां पहली बार चुनाव जीतने के बाद से प्रमोद कुमार ने इस सीट पर लगातार चार बार जीत दर्ज की है और वर्तमान में वे इस सीट के विधायक हैं।

मोतिहारी विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास काफ़ी रोचक रहा है। 1977 और 1980 में यह सीट कांग्रेस की प्रभावती गुप्ता के पास रही, जिन्होंने जनता पार्टी और सीपीआई को हराया था। इसके बाद 1985 में सीपीआई के त्रिवेणी तिवारी ने चुनाव जीतने की हैट्रिक लगाई और 1995 तक यहां जीतते रहे। 2000 में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की रमा देवी ने इस सीट पर कब्जा किया, लेकिन आरजेडी की यह एकमात्र और आखिरी जीत साबित हुई।

इसके बाद, 2005 में भाजपा के प्रमोद कुमार ने आरजेडी को हराकर इस सीट पर कब्जा किया और तब से अब तक वह लगातार इस सीट से जीतते आ रहे हैं। प्रमोद कुमार ने 2005 के बाद से चार विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की और यह भाजपा की स्थिर राजनीतिक उपस्थिति का प्रतीक बन गया है।

2020 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रमोद कुमार ने फिर से एक बड़ी जीत हासिल की। उन्हें 92,733 वोट (49.44%) मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के ओमप्रकाश चौधरी को 78,088 वोट (41.63%) मिले। इस चुनाव में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के दीपक कुमार कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहे। 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रमोद कुमार ने 79,947 वोट हासिल किए थे और आरजेडी के विनोद कुमार श्रीवास्तव को 61,430 वोट मिले थे। 2010 के चुनाव में भी प्रमोद कुमार विजयी हुए थे, तब उन्हें 51,888 वोट मिले थे। यह लगातार जीत भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता और प्रमोद कुमार की मेहनत का परिणाम था।