पूरी फसल मिट गई और किसान को मिला सिर्फ 2 रुपए का मुआवजा, मामला जान पकड़ लेंगे माथा, कटघरे में सरकार

पीड़ित किसान ने बताया कि लगातार बारिश से उनकी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। खेतों में खड़ी फसल पानी में डूबकर सड़ गई और पुआल भी खराब हो गया, इतने बड़े नुकसान के बाद जब बैंक खाते में सिर्फ ₹2.30 जमा हुए, तो मैं दंग रह गया।

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किसान को 2 रुपए का मुआवजा - फोटो : social media

N4N Desk: किसान की पूरी कमाई खत्म हो गई। पूरी फसल मिट गई...किसान की बदहाली के बाद सरकार की ओर से उसे मुआवजा भी मिला लेकिन ये क्या मुआवजे की राशि मात्र 2 रुपए..है ना चौंकाने वाला मामला...ये मामला महाराष्ट्र के पालघर जिले से सामने आया है। इस घटना ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जानकारी अनुसार इस किसान को बेमौसम बारिश से फसल नुकसान का मुआवजा मात्र ₹2.30 मिला है। 

किसान को मिला 2 रुपए का मुआवजा 

पीड़ित किसान ने बताया कि लगातार बारिश से उनकी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। खेतों में खड़ी फसल पानी में डूबकर सड़ गई और पुआल भी खराब हो गया, जिससे पशुओं के चारे की भी भारी कमी हो गई। उन्होंने कहा कि, इतने बड़े नुकसान के बाद जब बैंक खाते में सिर्फ ₹2.30 जमा हुए, तो मैं दंग रह गया। उनके नाम और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर करीब 11 एकड़ जमीन दर्ज है।

2 रुपए मुआवजा देना मजाक 

वही इस मुद्दे को शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाया। ठाकरे ने कहा कि, पालघर के किसानों को फसल बीमा के नाम पर ₹2 और कुछ पैसे देना किसानों के साथ मजाक है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से केंद्र की सहायता के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा था, लेकिन अब तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया। उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹50,000 की सहायता दी जानी चाहिए और तत्काल ऋणमाफी की घोषणा की जानी चाहिए।

किसानों की परेशानी का मजाक 

ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा और कहा कि वे किसानों की परेशानी का “मजाक उड़ा रहे हैं।” उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा और अन्य इलाकों में सितंबर के आखिरी सप्ताह में भारी बारिश से हजारों हेक्टेयर फसलें तबाह हो गईं। इस बीच मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि किसानों की कर्जमाफी योजना पर निर्णय जून 2026 तक लिया जाएगा। इसके लिए प्रमुख आर्थिक सलाहकार प्रवीण परदेशी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है, जो अप्रैल 2026 के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी।