Bihar Politics: मुख्यमंत्री का सियासी कद बढ़ना तय, नीतीश कुमार बनेंगे भारत के उपप्रधानमंत्री! भाजपा के बड़े नेता ने गफलत में कर दिया बड़ा खुलासा!

Bihar Politics:पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाया जाता है, तो यह बिहार के लिए गर्व की बात होगी। इस बयान ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है

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नीतीश का सियासी कद बढ़ना तय- फोटो : social Media

Bihar Politics:भाजपा ने हरियाणा, महाराष्ट्र और हाल ही में दिल्ली में मिली बड़ी जीत के बाद बिहार में चुनावी मुकाबले की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यहां भाजपा और जेडीयू मिलकर चुनाव में भाग लेने जा रही हैं। भाजपा ने 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता स्वीकार कर लिया है।नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा और राजनीतिक प्रभाव बिहार में निरंतर बढ़ता जा रहा है। उन्हें अपने बढ़ते वोट शेयर और मजबूत संगठनात्मक ढांचा खड़ा किया है । इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार ने सांप्रदायिक राजनीति पर नियंत्रण रखते हुए अब तक एक शांति के प्रतीक के रूप में कार्य किया है। बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में 'विकास पुरुष' के नाम से तो वे मशहूर हैं हीं। ऐसे में एक  नीतीश कुमार के उपप्रधानमंत्री बनने की बात की चर्चा जोर शोर से चल रही है।   

दरअसल  बक्सर से भाजपा के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाया जाता है, तो यह बिहार के लिए गर्व की बात होगी। इस बयान ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है और इसे भाजपा की रणनीतिक चाल माना जा रहा है।

अश्विनी चौबे ने कहा कि नीतीश कुमार ने एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ लंबे समय तक संयोजक की भूमिका निभाई है और उनके राष्ट्रीय राजनीति में अनुभव को सराहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री का दर्जा दिया जाता है, तो यह बिहार को जगजीवन राम के बाद एक और बड़ा सम्मान मिलेगा, जो राज्य के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है.

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इस बयान के माध्यम से नीतीश कुमार के राजनीतिक कद को लेकर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इससे पहले पप्पू यादव ने सवाल उठाया था कि क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस से अधिक क्यों लड़ती हैं और भाजपा से कम। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चौबे ने सीधे जवाब देने से बचते हुए नीतीश कुमार पर ध्यान केंद्रित किया.

अश्विनी चौबे का यह बयान भाजपा के भीतर बदलती राजनीति और संभावित गठबंधन समीकरणों का संकेत भी हो सकता है। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और ऐसे में इस तरह के बयानों का महत्व बढ़ जाता है। भाजपा अध्यक्ष ने हाल ही में एनडीए के सभी सहयोगियों के साथ बैठक भी की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी अपनी रणनीति पर गंभीरता से विचार कर रही है.

नीतीश कुमार का उप प्रधानमंत्री बनना अभी तक केवल एक संभावना है और इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, अश्विनी चौबे का बयान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है कि भाजपा नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने पर विचार कर रही है।

बहरहाल बिहार के मुख्यमंत्री अब 74 वर्ष के हो चुके हैं। उनकी याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता कभी-कभी उन्हें धोखा देती दिखती है। कई मौकों पर उन्होंने अपने कद के व्यक्ति के लिए अकल्पनीय काम किया है। ऐसे में नीतीश को उपप्रधानमंत्री बनाने की चर्चा का राजनीति पर क्या असर पड़ता है। क्या नीतीश कुमार को उपप्रधानमंत्री का दर्जा मिलेगा या यह सिर्फ एक बयान था,देखना बाकी है।