Bihar Vidhansabha Chunav 2025: चिराग पासवान का कांग्रेस के कन्हैया को ओपन चैलेंज, 2025 के विधानसभा चुनावी रण को लेकर अभी ही किया ऐलान
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: चिराग ने कन्हैया को लेकर जो बयान दिए हैं, उससे तो लगता है कि विपक्षियों के हथियार को कुंद करने के लिए एनडीए सोच समझ कर चाल चल रही है। चिराग कन्हैया को लेकर तो मुखर हैं लेकिन पीके पर मौन साधे हुए है।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025:बिहार में एनडीए सीएम नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी, इसको लेकर अमित शाह के बयान के बाद कोई शक सुबहा नहीं रह गया है।तो वहीं विपक्षी दलों में कभी हां कभी ना वाली स्थिति दिख रही है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किए गए दावों और तैयारियों से तो राजनीतिक पंडितों को लगता है कि कांग्रेस 2010 की स्थिति को दोहराने की कोशिश कर सकती है। वहीं एनडीए अपने तरकश के हर तीर सोच समझ कर निकाल रही है। चिराग पासवान ने कन्हैया कुमार को लेकर जो बयान दिए हैं, उससे तो साफ लगता है कि विपक्षियों के हथियार को कुंद करने के लिए एनडीए सोच समझ कर चाल चल रही है। चिराग कन्हैया को लेकर तो मुखर हैं लेकिन पीके यानी प्रशांत किशोर पर मौन साधे हुए है।
कजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कन्हैया कुमार पर तीखे हमले किए हैं। उनका कहना है कि कन्हैया कुमार और राहुल गांधी की जुगलबंदी से एनडीए को कोई नुकसान नहीं होगा। चिराग ने यह भी कहा कि "करें वो जितने दौरे करने चाहें, वो उतनी ही हमारी मदद करेंगे," चिराग का कहना है कि कन्हैया कुमार का साथ देना उन लोगों के लिए उचित नहीं है जो भारत के टुकड़े करने की सोच रखते हैं.
बात कन्हैया कुमार की तो कन्हैया राहुल गांधी के साथ बिहार में सक्रिय हैं, ने अपनी सेक्युलर छवि बनाने की कोशिश की है। याद कीजिए पिछला चुनाव जब राहुल गांधी के कहने के बाद भी कन्हैया को चुनाव का टिकट नहीं मिल पाया था। राहुल गांधी का बार-बार बिहार आना और कन्हैया कुमार के साथ पदयात्रा करना एक बड़ी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। कांग्रेस युवा वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है, खासकर अत्यंत पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम वोटर्स को. चिराग पासवान इस बात को भांप लिया है।
कन्हैया कुमार का राजनीतिक करियर विवादों से भरा रहा है। उन्होंने पहले सीपीआई के उम्मीदवार के रूप में बेगूसराय से चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अब कांग्रेस ने उन्हें फिर से सक्रिय किया है और राहुल गांधी उनके समर्थन में बिहार आ रहे हैं। चिराग पासवान इस स्थिति को अपने लिए एक अवसर मानते हुए कन्हैया पर हमलावर हो गए हैं।वहीं कन्हैया को लेकर एनडीए ने ऐआक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। चिराग पासवान ने अपने बयानों में यह भी कहा है कि राष्ट्रहित से ऊपर कुछ नहीं होना चाहिए और उन्होंने उन लोगों पर निशाना साधा जो बंटवारे की राजनीति करते हैं। उनका कहना है कि कन्हैया कुमार जैसे नेता भारत के टुकड़े करने की सोच रखते हैं, जो देश के लिए खतरनाक हो सकता है।
बहरहाल चिराग पासवान कन्हैया पर हमलावर हो गए हैं इसके विपरीत, चिराग पासवान ने जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के प्रति नरम रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर बिहार के लिए अच्छे प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह देखना होगा कि जनता उनके प्रयासों को कैसे स्वीकार करती है।
चिराग पासवान का कन्हैया कुमार पर आक्रामक रुख और प्रशांत किशोर के प्रति नरम रुख उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। कहीं ऐसा तो नही कि एनडीए सोच रही हो कि कन्हैया कुमार जैसे युवा नेताओं का उदय सत्ता पक्ष के लिए चुनौती पेश कर सकता है, जबकि प्रशांत किशोर जैसे नेताओं से सहयोग करना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है।