Jyoti singh: राजनीति के मैदान में उतरी पवन सिंह की बेगम ज्योति सिंह, दर्द से इंकलाब तक का सफर, काराकाट से करेंगी सियासी मुकाबला

Jyoti singh: भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने अब सियासत के अखाड़े में उतरने का ऐलान कर दिया है। ...

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राजनीति के मैदान में उतरी पवन सिंह की बेगम ज्योति सिंह- फोटो : social Media

Jyoti singh: भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने अब सियासत के अखाड़े में उतरने का ऐलान कर दिया है। काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी बिगुल बजाकर उन्होंने न सिर्फ़ अपने हक़ की लड़ाई को नई दिशा दी है, बल्कि बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ भी ला दिया है।

ज्योति सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट करते हुए लिखा “नमस्ते काराकाट की देवतुल्य जनता, आपके अपार प्रेम और विश्वास के सहारे मैं करकट 213 से अपना नामांकन दाखिल करने जा रही हूं। यह कदम जनता की उम्मीदों और विश्वास की आवाज़ है। आपका सहयोग ही मेरी सबसे बड़ी ताक़त है। आइए, मिलकर एक नया परिवर्तन लाएं।” इस संदेश के साथ उन्होंने यह साफ़ कर दिया कि उनका इरादा केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक आंदोलन खड़ा करने का है।

उनकी घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। किसी ने उन्हें “शक्ति की प्रतीक” कहा तो किसी ने तंज़ कसते हुए लिखा— “जो पति की नहीं हुई, वो जनता की क्या होगी।” वहीं कई यूज़र्स ने यह भी कहा कि यह पूरा ड्रामा महज़ चुनावी रणनीति का हिस्सा है।

बता दें कुछ दिनों पहले ज्योति सिंह ने जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर से मुलाक़ात की थी। इस बंद कमरे की बैठक ने सियासी हलकों में कयासों को और हवा दी। हालांकि, मुलाकात के बाद ज्योति ने स्पष्ट किया— “मैं टिकट लेने नहीं आई हूं, मैं न्याय की आवाज़ बनकर आई हूं। जो मेरे साथ हुआ, वो किसी और महिला के साथ न हो।”

उनका यह बयान उस वक़्त आया जब पवन सिंह से उनका विवाद सार्वजनिक रूप से उभर चुका था। लखनऊ में पवन सिंह के फ्लैट पर उनकी मुलाक़ात, पुलिस की एंट्री, और कैमरे के सामने ज्योति की आँखों से बहते आँसू इन सबने जनता के दिलों को झकझोर दिया। उन्होंने रोते हुए कहा था, “अब इस घर से मेरी लाश ही निकलेगी… मुझे न्याय कैसे मिलेगा?”

अब वही ज्योति सिंह आँसुओं से निकलकर इंकलाब की आवाज़ बन चुकी हैं। उनकी उम्मीदवारी ने भोजपुर से लेकर पटना तक सियासी हलचल तेज़ कर दी है। जनता अब यह देखने को बेताब है कि यह जंग जज़्बात की होगी या इंकलाब की।